नई दिल्ली : अदाणी ग्रुप और हिंडनबर्ग रिसर्च विवाद पर सोमवार को संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में लोकसभा में अपना जवाब दे दिया है. मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सोमवार को लोकसभा में अदाणी ग्रुप की कंपनियों पर अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से लेखा धोखाधड़ी और शेयरों में हेराफेरी की आरोप वाली रिपोर्ट अपना जवावब दिया है. सरकार ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से ‘प्रणालीगत स्तर पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव’ नहीं पड़ा है. हालांकि, दो महीने के अंतराल में ग्रुप का मार्केट कैप 60 फीसदी तक जरूर गिर गया. वित्त मंत्रालय ने संसद को यह भी सूचित किया कि सरकार ने अदाणी ग्रुप की कंपनियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के लिए किसी समिति का गठन नहीं किया है.
लोकसभा में कांग्रेसी सांसद टीएन प्रतापन, मनीष तिवारी और जोथिमनी सेन्निमलाई की ओर से अदाणी ग्रुप और हिंडनबर्ग रिसर्च के बीच जारी विवाद पर सवाल पूछे गए थे. इन सांसदों की ओर से अदाणी ग्रुप की कंपनियों की कथित शेयरों में हेराफेरी की जांच पर ताजा जानकारी मांगी थी. कांग्रेसी सांसदों के सवाल के जवाब में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पहले ही जांच शुरू कर दी है और 2 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार दो महीने के भीतर इसे समाप्त कर देगा.
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने आगे कहा कि राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने न्यायिक अधिकारियों के सामने अपनी रिपोर्ट पहले ही सौंप दी थी, जबकि अदाणी ग्रुप की कंपनियों की ओर से बिजली उत्पादन, बिजली पारेषण, और इंफ्रास्ट्रक्चर (पोर्ट और एसईजेड) उपकरण के आयात से संबंधित जांच की जा चुकी है. राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने निष्कर्ष निकाला है और संबंधित न्यायिक अधिकारियों के समक्ष रिपोर्ट पेश की है. अडानी ग्रुप ऑफ कंपनीज द्वारा इंडोनेशियाई कोयले के आयात से संबंधित मामले के संबंध में डीआरआई की जांच अपने अंजाम तक अभी नहीं पहुंची है, क्योंकि लेटर्स रोगेटरी के निष्पादन के माध्यम से निर्यातक देशों से मांगी गई जानकारी मुकदमेबाजी के अधीन है.
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट का अदाणी ग्रुप पर पड़ने वाले प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए वित्त राज्य मंत्री ने अपने लिखित जवाब में कहा है कि अदाणी ग्रुप की नौ सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में 24 जनवरी से 1 मार्च 2023 तक करीब 60 फीसदी तक गिरावट दर्ज की गई. उन्होंने कहा कि ये कंपनियां बंबई स्टॉक एक्सचेंल (बीएसई) के प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स का हिस्सा नहीं हैं और निफ्टी में इनकी 1 फीसदी से भी कम की भागीदारी है. इन कंपनियों के शेयरों में उतार-चढ़ाव का व्यवस्थागत स्तर पर कोई खास असर नहीं पड़ा है. जनवरी 2023 के महीने में निफ्टी 50 में लगभग 2.9 फीसदी की गिरावट आई. इसके साथ ही, जनवरी और फरवरी 2023 के 2 महीने के अंतराल में करीब 4.9 फीसदी की गिरावट आई.
कांग्रेसी सांसद एंटो एंटनी की ओर से पूछे गए एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए चौधरी ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की 30 जनवरी की प्रेस विज्ञप्ति का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि अदाणी ग्रुप में इक्विटी और ऋण के तहत एलआईसी की कुल हिस्सेदारी लगभग 35,000 करोड़ रुपये है. कांग्रेसी सांसद एंटनी ने ने वित्त मंत्रालय से सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों द्वारा अदाणी ग्रुप में किए गए निवेश के बारे में आंकड़े दिखाने को लेकर सवाल किया था.
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केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने आगे कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों में न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अदाणी ग्रुप ऑफ कंपनीज में कुल जोखिम 31 जनवरी 2023 तक करीब 347.64 करोड़ रुपये है , जो सभी पांच कंपनियों के कुल एयूएम का 0.14 फीसदी है.
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