बीएसएनएल को लेकर संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को संसद में पूर्व यूपीए सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि पूर्ववती यूपीए सरकार के कार्यकाल में भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को दुधारू गाय मानते हुए इस पर अत्याचार किया गया जिससे इसकी स्थिति खराब होती चली गयी.
संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 2004 तक बीएसएनएल एक स्वस्थ कंपनी थी और बहुत अच्छा काम रही थी. उन्होंने आरोप लगाया कि लेकिन 2004 से 2014 के बीच कंपनी को दुधारू गाय मानते हुए इस पर अत्याचार किया गया. उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकार के कार्यकाल में सुनियोजित तरीके से कंपनी की स्थिति खराब कर दी गयी. उन्होंने आरोप लगाया कि 2004 से 2014 के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के साथ खराब व्यवहार किया गया.
संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मौजूदा सरकार ने रुग्ण कंपनी बीएसएनएल के उद्धार के लिए दो पैकेज घोषित किये जिससे यह परिचालन लाभ की स्थिति में आ गयी है. उन्होंने कहा कि भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लि. (बीबीएनएल) का फाइबर नेटवर्क बीएसएनएल को सौंप दिया गया है और एकीकृत नेटवर्क के तहत हर महीने औसतन एक लाख घरों को इस नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है.
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वैष्णव ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि बीबीएनएल के पास 6.5 लाख किलोमीटर फाइबर का नेटवर्क था जबकि बीएसएनएल के पास 8.5 लाख किलोमीटर फाइबर का नेटवर्क था. दोनों के विलय के बाद 15 लाख किलोमीटर लंबा एकीकृत नेटवर्क बन गया है.
संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि एकीकृत नेटवर्क के तहत हर महीने करीब एक लाख घरों को इस नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है जहां डेटा की औसत खपत 120 जीबी प्रति माह है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क के विस्तार से अन्य फायदों के अलावा वहां की अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा.
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