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धोखाधड़ी पर लगाम ! अब फोटो देखकर चेक क्लियर करेंगे बैंक

पिछले कुछ वर्षों से बैंकों में धोखाधड़ी के मामले में लगातार वृद्धि हो रही है जबकि भारतीय रिजर्व बैंक ने इसको रोकने के लिए कड़े नियमों को भी लागू किया है. धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए अब बैकिंग प्रणाली में ग्राहकों के लिए एक नयी सुविधा शुरू होने जा रही है. चेक से लेनदेन में धोखाधड़ी रोकने के लिए बैकिंग प्रणाली में ‘पॉजिटिव पे’ फीचर उपलब्ध कराया जायेगा.

पिछले कुछ वर्षों से बैंकों में धोखाधड़ी के मामले में लगातार वृद्धि हो रही है जबकि भारतीय रिजर्व बैंक ने इसको रोकने के लिए कड़े नियमों को भी लागू किया है. धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए अब बैकिंग प्रणाली में ग्राहकों के लिए एक नयी सुविधा शुरू होने जा रही है. चेक से लेनदेन में धोखाधड़ी रोकने के लिए बैकिंग प्रणाली में ‘पॉजिटिव पे’ फीचर उपलब्ध कराया जायेगा. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसकी घोषणा की है. इस संबंध में जल्द ही अन्य दिशानिर्देश जारी किये जायेंगे. इससे चेक संबंधी धोखाधड़ी रोकने में मदद मिलेगी.

पॉजिटिव पे फीचर के तहत चेक जारी करने वाला व्यक्ति को चेक सौंपने से पहले चेक की फोटो खींचना होगा और उसे चेक नंबर, चेक डेट, पेई का नाम, खाता नंबर, रकम आदि विवरण के साथ चेक के अगले और पिछले हिस्से की फोटो बैंक की मोबाइल एेप पर अपलोड करना होगा. जब लाभार्थी उस चेक को बैंक में जमा करेगा तो बैंक पहले से प्राप्त विवरणों से चेक को मिलान करेगा. मिलान सही होने पर ही चेक क्लियर किया जायेगा.

कर्ज व ओवरड्राफ्ट लेने वालों को चालू खाता खोलने पर रोक : रिजर्व बैंक ने बैंकों को उन ग्राहकों के लिए चालू खाता खोलने पर रोक लगा दी, जिन्होंने नकद कर्ज या ओवरड्राफ्ट की सुविधा ली हुई है. उसने जोर देकर कहा कि इस मामले में अनुशासन की जरूरत है. एक अधिसूचना में केंद्रीय बैंक ने कहा कि नया चालू खाता खोलने की तुलना में सभी लेन-देन नकद कर्ज (सीसी) या ओवरड्राफ्ट (ओडी) खाते के जरिये किया जाना चाहिए. हालांकि आरबीआइ ने यह नहीं बताया कि इस कदम के पीछे क्या कारण है. बता दें कि पीएमसी सहकारी बैंक घोटाला मामले में कई खाते खोले जाने के बारे में पता चला था. अधिकारियों का कहना है कि इससे व्यवस्था के साथ जो धोखा किया जाता था.

कोविड-19 के कारण दबाव में आये कर्ज के समाधान के उपाय सुझाएगी कामत की अगुवाई वाली समिति: इधर भारतीय रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस महामारी की वजह से दबाव आई कर्ज संपत्तियों के समाधान के लिए दिग्गज बैंकर के वी कामत की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है. समिति 30 दिन में अपनी सिफारिशें रिजर्व बैंक को 30 दिन को सौंप देगी. रिजर्व बैंक इन सिफारिशों को यदि जरूरी हुआ तो कुछ सुधार के साथ अधिसूचित करेगा. समिति कोरोना वायरस की वजह से दबाव वाली कर्ज संपत्तियों के समाधान के लिए वित्तीय मानदंड सुझाएगी.

Posted BY : Amitabh Kumar

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