China GDP: चीन की सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था के लिए साल 2023 कोई खास नहीं रहा. हालांकि, उसकी अर्थव्यवस्था बीते अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में काफी तेज रफ्तार से बढ़ी है. इससे चीन सरकार का 2023 में पांच प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर का लक्ष्य पार हो गया है. हालांकि, व्यापारिक आंकड़े और आर्थिक पुनरुद्धार अभी ‘असमतल’ है. बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, चीन की अर्थव्यवस्था 2023 में 5.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी है. सरकार ने 2023 के लिए आर्थिक वृद्धि का लक्ष्य पांच प्रतिशत तय किया था. बीते साल यानी 2023 की आर्थिक वृद्धि दर को काफी हद तक 2022 के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आंकड़ों से मदद मिली है. 2022 में चीन की वृद्धि दर तीन प्रतिशत रही थी. बीते साल की चौथी अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में चीन की जीडीपी वृद्धि दर सालाना आधार पर 5.2 प्रतिशत रही है. वहीं तिमाही आधार पर यह एक प्रतिशत रही है.
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अगस्त से कारखानों ने पकड़ी रफ्तार
सितंबर में चीन के द्वारा जारी आकंड़ों में ये दावा किया गया था कि उसके कारखानें कोविड के प्रभाव से बाहर आने में सफल हुए हैं. इसके साथ ही, अगस्त के महीने में कारखानों ने गति पकड़ ली है और अगस्त में खुदरा बिक्री में भी तेजी आई थी. सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट में संकेत मिले हैं कि अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे वैश्विक महामारी के बाद की स्थिति से उबर सकती है. इसके बाद से कारखानों की रफ्तार बेहतर रही है. हालांकि, रेस्तरां तथा दुकानों में व्यस्त गतिविधि के बावजूद आंकड़ों में सभी महत्वपूर्ण संपत्ति क्षेत्र में लगातार कमजोरी बनी हुई है. रियल एस्टेट डेवलपर्स सुस्त मांग के कारण कर्ज चुकाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. रियल एस्टेट निवेश में सालाना आधार 8.8 प्रतिशत की गिरावट आई. साल 2023 की शुरुआत से ही गिरावट लगातार बढ़ती जा रही है. बैंकों पर बोझ कम करने के लिए पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना या केंद्रीय बैंक ने कहा कि अधिकतर उधारदाताओं के लिए आरक्षित आवश्यकता में शुक्रवार तक 0.25 प्रतिशत अंक की कटौती की जाएगी.
कम होती महंगाई बनी परेशानी का कारण
चीन में डिफ्लेशन में काफी तेजी से वृद्धि हो रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर में चीन में उपभोक्ता कीमतों में तीन साल में सबसे तेज गिरावट देखने को मिली है. उपभोक्ता महंगाई दर (CPI) दर नवंबर 2022 और अक्टूबर 2023 के मुकाबले 0.5 फीसदी तक गिर गया है. नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (NBS) ने जो आकड़े जारी किये हैं, उसके अनुसार, चीन में डिफ्लेशन की स्थिति पैदा हो चुकी है. इसका सबसे बड़ा कारण कमजोर घरेलू मांग और उससे धीमी पड़ी इकोनॉमिक रिकवरी को बताया जा रहा है. उपभोक्ता महंगाई दर में कमी के कारण ही देश डिफ्लेशन की तरफ जा रहा है. चीन में नवंबर के महीने में महंगाई दर में सालाना और मासिक आधार पर महंगाई दर में 0.1 प्रतिशत कम रहने की संभावना जतायी जा रही थी. मगर, नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के आंकड़ों ने देश को बड़ा झटका दिया है. एक महीने में 0.5 प्रतिशत की कमी से चीन में बड़ी चिंता है.
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