बीजिंग/नई दिल्ली : रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच ताइवान पर ताक बैठे चीन ने अपने रक्षा बजट में बढ़ोतरी करने के फैसला किया है. चीन के वित्त मंत्रालय की ओर से शनिवार की सुबह जारी किए गए रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 के बाद इस साल चीन के रक्षा खर्च में तेजी से बढ़ोतरी होने वाला है. चीन के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल के रक्षा बजट में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग करीब 7.1 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकते हैं. हालांकि, साल 2021 में भी उसने अपने रक्षा बजट में 6.8 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. यह लगातार सातवां साल है, जब चीन अपने रक्षा बजट में बढ़ोतरी कर रहा है.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ताइवान पर अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए बरसों से ताक लगाकर बैठा है. अमेरिका समेत कई देशों के हस्तक्षेप के बावजूद वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर रूस के हमले से चीन का मनोबल बढ़ गया है और वह ताइवान पर हमले की योजना बना रहा है. कहा यह भी जा रहा है कि संयुक्त राष्ट्र के पांच स्थायी सदस्य देशों में शामिल होने के बावजूद चीन रूस-यूक्रेन युद्ध पर चुप्पी साधे हुए है. इसके पीछे उसका मकसद यह बताया जा रहा है कि वह भी अपने से कमजोर देश ताइवान पर हमला करके उस पर अपना कब्जा जमाना चाहता है. यही वजह है कि वह लगातार अपने रक्षा बजट में लगातार सात वर्षों से बढ़ोतरी करके खुद को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने पिछले साल 2021 में भी अपने रक्षा बजट में करीब 6.8 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. इस बढ़ोतरी से उसका कुल रक्षा बजट बढ़कर करीब 215.2 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया था, जो भारत के रक्ष बजट के मुकाबले करीब तीन गुणा से भी अधिक था. इस साल भी उसने अपने रक्षा बजट में करीब 7.1 फीसदी की बढ़ोतरी की है. इससे उसके कुल रक्षा बजट में करीब 14.8 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का इजाफा हो जाएगा.
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वित्त मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, इस साल चीन का रक्षा खर्च 2019 के बाद से सबसे तेज गति से बढ़ेगा. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, रक्षा खर्च इस साल 7.1 फीसदी बढ़कर करीब 1.45 ट्रिलियन युआन (230.16 अरब डॉलर) हो जाएगा, जो 2021 में 6.8 फीसदी और 2020 में 6.6 फीसदी की वृद्धि से भी अधिक है. 2019 में चीन का रक्षा खर्च 7.5 फीसदी बढ़कर 1.19 ट्रिलियन युआन हो गया था.
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