Coronavirus pandemic impact : चीन ने रिवर्स रेपो रेट में की 0.20 फीसदी की कटौती, अब बैंक दे सकेंगे अधिक Loan
Coronavirus pandemic के चलते पिछले दो महीनों से ठहर से गये चीन ने सोमवार को रिवर्स रेपो रेट (RRR) में 0.20 फीसदी की कटौती की.
बीजिंग : कोरोना वायरस महामारी के चलते पिछले दो महीनों से ठहर से गये चीन ने सोमवार को रिवर्स रेपो रेट (आरआरआर) में 0.20 फीसदी की कटौती की. इससे बैंक अपना पैसा पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (चीन का केंद्रीय बैंक) के पास अतिरिक्त धन रखने के बजाय बाजार में उधार देने को प्रेरित होंगे. इसके साथ ही, चीन सरकार ने नुकसान की भरपाई के लिए अपने विनिर्माण क्षेत्र को पूरी क्षमता के साथ चालू करने की तैयारी की है.
चीन के उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमआईआईटी) ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से चीन में बंद के बाद अब विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन फिर शुरू हो गया है. देश की 98.6 फीसदी प्रमुख औद्योगिक कंपनियों ने फिर काम शुरू कर दिया है. एमआईआईटी के उपाध्यक्ष Xin Guobin ने सोमवार को यहां बताया कि दो करोड़ युवान (लगभग 28.4 लाख डॉलर) से अधिक वार्षिक आय वाली औद्योगिक कंपनियों में लगभग 89.9 फीसदी कर्मचारी काम पर लौट आए हैं.
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस का केंद्र रहे हुबेई प्रांत में सामान्य स्थिति बहाल हो रही है और 95 फीसदी औद्योगिक कंपनियों में फिर काम शुरू हो गया है. शिन्हुआ ने कहा कि विटामिन, एंटीबायोटिक, एंटीपीयरेटिक और एनाल्जेसिक अवयवों का उत्पादन करने वाली बड़ी दवा कंपनियों का उत्पादन और संचालन सामान्य हो गया है. इस बीच, 76 फीसदी छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों ने देशव्यापी काम करना शुरू कर दिया है.
पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (पीबीओसी) ने कहा कि उसने सोमवार को 50 अरब युआन के रिवर्स रेपो (प्रतिभूतियों को अभी बेचकर बाद में कम भाव पर खरीदने) के अभियान की शुरुआत की और सात दिन के रिवर्स पुनर्खरीद दर को 2.40 फीसदी से घटाकर 2.20 फीसदी कर दिया. कैपिटल इकनॉमिक्स में चीन मामलों के वरिष्ठ अर्थशास्त्री जूलियन इवांस-प्रिचार्ड ने कहा कि यह 2015 के बाद से सबसे बड़ी कटौती है और सात दिन के लिए रिवर्स रेपो दर रिकॉर्ड निचले स्तर पर है.
उन्होंने कहा कि कम दर पर धनराशि की पेशकश करने से पीबीओसी बाजार अंतरबैंक दरों को कम रखने में सक्षम होगा, यहां तक कि आरआरआर (आरक्षित आवश्यकता अनुपात) में कटौती से व्यवस्था में बढ़ने वाले नकदी प्रवाह को बैंकिंग प्रणाली अवशोषित कर सकेगी. घातक कोरोना वायरस महामारी के चलते दुनिया भर में बहुत बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो चुकी है और अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है.
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