कोरोना का असर : चीन की अर्थव्यवस्था में रिकॉर्ड गिरावट, जनवरी-फरवरी में कमजोर पड़ीं आर्थिक गतिविधियां

कोरोना वायरस संक्रमण फैलने से चीन में उपभोक्ता व्यय और अन्य कारोबारी गतिविधियां जनवरी-फरवरी में उम्मीद से ज्यादा खराब रहीं. इससे चीन में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के सामने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार की बड़ी चुनौती खड़ी हो गयी है.

By KumarVishwat Sen | March 16, 2020 5:45 PM

बीजिंग : कोरोना वायरस संक्रमण फैलने से चीन में उपभोक्ता व्यय और अन्य कारोबारी गतिविधियां जनवरी-फरवरी में उम्मीद से ज्यादा खराब रहीं. इससे चीन में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के सामने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार की बड़ी चुनौती खड़ी हो गयी है. सरकार की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी के अंत में कारोबारों और शॉपिंग मॉल के बंद होने के बाद सालाना आधार पर खुदरा बिक्री में 20.5 फीसदी की गिरावट रही.

चीनी नववर्ष की छुट्टियों के बाद की अवधि में विनिर्माण कारखाने और कार्यालय बंद रहे और कारखानों का उत्पादन रिकॉर्ड 13.5 फीसदी गिर गया. यह आंकड़े अर्थशास्त्रियों के आकलन से भी बुरी स्थिति दिखाते हैं. उन्होंने आगाह किया है कि कारखानों और अन्य कारोबारों को दोबारा खोलने के सरकारी प्रयासों के बावजूद विनिर्माताओं एवं अन्य को विभिन्न क्षेत्रों में संघर्ष का सामना करना होगा. साथ ही, कोरोना वायरस को नये सिरे से फैलने से रोकने के प्रयास करने होंगे.

आईएनजी के अर्थशास्त्री आइरिस पैंग ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा, ‘अभी (कोरोना वायरस) का बुरा स्वप्न खत्म नहीं हुआ है. देखना होगा, आगे क्या होता है.’ चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ने कुछ नियंत्रण हटाए हैं. कई क्षेत्रों के कारखानों और अन्य कारोबारों को फिर से खोलने की अनुमति दी है, लेकिन कंपनियों और अर्थशास्त्रियों का मानना है कि गतिविधियों को सामान्य स्तर पर आने में महीनों का वक्त लगेगा. उनका कहना है कि यूरोपीय संघ और अमेरिका के यात्रा और अन्य प्रतिबंध लगाने से चीन के निर्यात की मांग कम होगी.

कैपिटल इकोनॉमिक्स के जुलियन इवान्स-प्रिचार्ड ने एक रिपोर्ट में कहा कि यह आंकड़े मौजूदा तिमाही में और गिरावट होने के संकेत दिखाते हैं. मार्च के आंकड़े और भी बुरे हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि जनवरी-फरवरी के आंकड़े इसलिए भी थोड़े बेहतर हैं, क्योंकि इसमें जनवरी की शुरुआत के आंकड़े भी शामिल हैं. तब कोरोना वायरस का प्रकोप फैलना शुरू नहीं हुआ था.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version