ऐसे दिन न दिखाए भगवान! CIBIL स्कोर के चलते टूटी शादी, वरमाला की तैयारी कर रहा था दूल्हा

CIBIL Score: महाराष्ट्र में एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां खराब CIBIL स्कोर के कारण शादी टूट गई. जानिए पूरा मामला

By Abhishek Pandey | February 9, 2025 7:39 PM
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CIBIL Score: महाराष्ट्र के मुरटीजापुर में एक अनोखा मामला सामने आया, जहां दूल्हे के खराब Cibil स्कोर के चलते शादी तय होने के बाद भी टूट गई. इस घटना ने यह दिखाया कि अब शादी में पारिवारिक पृष्ठभूमि और व्यक्तिगत गुणों के साथ-साथ आर्थिक स्थिरता भी एक अहम पैमाना बनती जा रही है.

CIBIL स्कोर बना नया वैवाहिक मानदंड

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों परिवारों के बीच शादी की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी थीं. लेकिन एक पारंपरिक प्री-वेडिंग मीटिंग के दौरान लड़की के मामा ने अचानक एक अनोखी मांग रख दी. उन्होंने दूल्हे का Cibil स्कोर देखने की इच्छा जताई. Cibil रिपोर्ट में किसी व्यक्ति के क्रेडिट इतिहास, बकाया कर्ज़ और भुगतान व्यवहार की पूरी जानकारी होती है. जब दूल्हे की Cibil रिपोर्ट चेक की गई, तो दुल्हन के परिवार को यह जानकर झटका लगा कि दूल्हे पर कई वित्तीय संस्थानों के कर्ज़ थे, जिससे उसका क्रेडिट स्कोर काफी कम था.

आर्थिक अस्थिरता बनी चिंता का कारण

कम Cibil स्कोर का मतलब आमतौर पर यह होता है कि व्यक्ति ने समय पर कर्ज़ नहीं चुकाया है या उसके ऊपर पहले से ही बड़ा वित्तीय बोझ है. दुल्हन के परिवार ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इतना कर्ज़ झेल रहा व्यक्ति शादी के बाद आर्थिक रूप से स्थिर जीवन कैसे प्रदान करेगा? परिवार में चर्चा के बाद, सभी ने सर्वसम्मति से यह तय किया कि शादी तोड़ देना ही सही रहेगा क्योंकि वित्तीय जोखिम बहुत अधिक था.

क्या है Cibil स्कोर?

Cibil स्कोर एक तीन-अंकीय संख्या होती है, जो 300 से 900 के बीच होती है. यह किसी व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री को दर्शाता है और यह आंकड़ा उसकी कर्ज़ चुकाने की आदतों पर आधारित होता है.

  • 750 से 900 का स्कोर बहुत अच्छा माना जाता है और इसे वित्तीय रूप से स्थिरता का संकेत माना जाता है.
  • कम स्कोर होने पर व्यक्ति को लोन मिलने में दिक्कत हो सकती है या उसे ऊंची ब्याज दरों पर लोन लेना पड़ सकता है.

कैसे सुधारें Cibil स्कोर?

अगर आपका क्रेडिट स्कोर कम है तो कुछ उपाय अपनाकर इसे सुधारा जा सकता है.

  • समय पर भुगतान करें – सभी लोन की EMI और क्रेडिट कार्ड बिल तय समय पर चुकाएं.
  • कम क्रेडिट उपयोग करें – क्रेडिट कार्ड की सीमा का 30% से कम उपयोग करना बेहतर होता है.
  • अधिक लोन आवेदन से बचें – बार-बार लोन के लिए आवेदन करने से क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

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