अमरावती : आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने सोमवार को संकेत दिया कि हाल ही में गैस लीक की घटना के बाद विशाखात्तनम स्थित एलजी पॉलिमर संयंत्र को अब उसे वहां पहले की तरह कार्य करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि गैस के रिसाव के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों और कुछ पीड़ितों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बात करते हुए कंपनी को विस्तार की अनुमति देने के लिए एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली पिछली सरकार को दोषी ठहराया.
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उन्होंने कहा कि हम किसी को भी नहीं बख्शेंगे. जो कोई भी घटना के लिए जिम्मेदार होगा, उनके खिलाफ निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी. एक बार जब हमें केंद्र द्वारा गठित समिति सहित सभी समितियों से रिपोर्ट मिल जाएगी, हम कंपनी से जवाब मांगेंगे. विशेषज्ञों द्वारा जवाबों की जांच की जाएगी.
जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि समितियों द्वारा जो भी कार्रवाई की सिफारिश की जाती है, उनके ऊपर पारदर्शी तरीके से अमल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम ऐसी स्थिति की अनुमति नहीं देंगे कि कंपनी भविष्य में उसी स्थान पर पहले की तरह समान गतिविधियां संचालित किया जा सके. यही कारण है कि उस कच्चे माल स्टिरीन को भी वापस भेज दिया गया है.
इस बीच एलजी पॉलिमर ने सोमवार को अलग से एक बयान में कहा कि उसने संयंत्र तथा इसके पास टैंकों में रखी स्टिरीन गैस को वापस दक्षिण कोरिया भेज दिया है. कंपनी ने कहा कि अब संयंत्र में स्टिरीन गैस नहीं है. एलजी पॉलिमर्स के प्रबंध निदेशक जियोंग सुंकी ने कहा कि एलजी पॉलिमर्स के विशाखापत्तनम संयंत्र में अब स्टिरीन गैस का स्टॉक नहीं बचा है.
बता दें कि 7 मई को एलजी पॉलिमर के विशाखात्तनम स्थित संयंत्र से स्टिरीन गैस का रिसाव होने से 12 लोगों की मौत हो गयी थी, जबकि विशाखापत्तनम के पास आरआर वेंकटपुरम में जहरीले रसायन की गैस लीक होने से कई सौ लोग बीमार हो गये थे.
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