कॉमर्शियल माइनिंग के खिलाफ कोल इंडिया के मजदूर संगठनों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी

कोल इंडिया के मजदूर संगठनों की हड़ताल शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रही. यह हड़ताल कोयला क्षेत्र में वाणिज्यिक खनन की अनुमति देने के विरोध में बुलायी गयी है. मजदूर संगठनों के नेताओं ने प्रबंधन की ओर से हड़ताल खत्म करने का दबाव बनाए जाने का दावा भी किया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्थित भारतीय मजदूर संघ समेत कुल पांच ट्रेड यूनियनें कोल इंडिया लिमिटेड में काम करती हैं. इन श्रमिक संगठनों ने गुरुवार से तीन दिन की हड़ताल शुरू की है, जो शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रही.

By Agency | July 3, 2020 5:19 PM

नयी दिल्ली : कोल इंडिया के मजदूर संगठनों की हड़ताल शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रही. यह हड़ताल कोयला क्षेत्र में वाणिज्यिक खनन की अनुमति देने के विरोध में बुलायी गयी है. मजदूर संगठनों के नेताओं ने प्रबंधन की ओर से हड़ताल खत्म करने का दबाव बनाए जाने का दावा भी किया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्थित भारतीय मजदूर संघ समेत कुल पांच ट्रेड यूनियनें कोल इंडिया लिमिटेड में काम करती हैं. इन श्रमिक संगठनों ने गुरुवार से तीन दिन की हड़ताल शुरू की है, जो शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रही.

हिंद मजदूर संघ समर्थित हिंद खदान मजदूर फेडरेशन के अध्यक्ष नाथूलाल पांडे ने कहा कि शुक्रवार को हड़ताल का रुख और व्यापक हो गया. विभिन्न कारणों के चलते जो श्रमिक-कर्मचारी गुरुवार को इसमें शामिल नहीं हो पाए थे, उन्होंने भी शुक्रवार को हड़ताल का साथ दिया. सीटू समर्थित ऑल इंडिया कोल वर्कर्स फेडरेशन के डीडी रमानंदन ने कहा कि अभी तक हड़ताल के कमजोर पड़ने या उसमें कोई बाधा आने की कोई खबर नहीं है. साथ ही, हड़ताल की वजह से किसी भी तरह की बड़ी हिंसा की भी कोई खबर नहीं है.

ट्रेड यूनियनों के नेताओं में से एक ने आरोप लगाया कि प्रबंधन हड़ताल पर गए कर्मचारियों पर इसे खत्म करने के लिए दबाव बना रहा है. उन्हें धमकाया जा रहा है कि वे तत्काल खनन के कार्य को सुचारू बनाएं. उनसे कहा गया है कि वे राष्ट्रहित में परिचालन को सामान्य करने का फैसला करें, अन्यथा उनके ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने कहा कि कोल इंडिया ने अपनी अनुषंगी कंपनियों के महाप्रबंधकों और वरिष्ठ अधिकारियों को शुक्रवार सुबह पांच बजे खानों पर पहुंचकर खनन शुरू कराने के निर्देश दिए थे. कंपनी प्रबंधन ने महाप्रबंधकों से बाहरी स्रोतों से मजदूर बुलाकर काम कराने के लिए भी कहा है. सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) के महासचिव तपन सेन ने कहा कि यह हड़ताल पूरी तरह से जारी है. हालांकि, पश्चिम बंगाल में पुलिस ने कुछ एक जगहों पर मजदूर एकता को तोड़ने की कोशिश की है.

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इंटक समर्थित इंडियन नेशनल माइनवर्कर्स फेडेरेशन के महासचिव एसक्यू जामा ने कहा कि शुक्रवार को हड़ताल गुरुवार के मुकाबले और मजबूत हुई. सिंगरेनी कोलरीज कंपनी में हड़ताल 95 फीसदी सफल रही. जामा ने कहा कि करीब साढ़े चार लाख मजदूर हड़ताल पर हैं. इसमें तीन लाख करीब कोल इंडिया के, 50,000 सिंगरेनी कोलरीज के और बाकी अनुबंध पर काम करने वाले मजदूर शामिल हैं.

Posted By : Vishwat Sen

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