कोयला होने जा रहा है महंगा, कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने कोलकाता में कही ये बात

कोल इंडिया के चेयरमैन ने कहा है कि कोयले की कीमतें जल्द बढ़ सकती हैं. इस संबंध में भागीदारों के साथ बातचीत हो रही है. उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2025-26 तक कोल इंडिया का खनन लक्ष्य- एक बिलियन टन हासिल कर लिया जायेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 20, 2023 10:27 PM
an image

कोल इंडिया के चेयरममैन प्रमोद अग्रवाल ने स्पष्ट कर दिया है कि कोयले की कीमतों में बहुत जल्द इजाफा हो जायेगा. उन्होंने कहा कि ऊर्जा संसाधनों को सुरक्षित किये बगैर कोई भी राष्ट्र विकसित नहीं हो सकता. श्री अग्रवाल ने कहा है कि कोल इंडिया ने अगले 7 साल में भूमिगत कोयला खनन 25-30 मिलियन टन से बढ़ाकर 100 मिलियन टन करने का लक्ष्य रखा है. वह कोलकाता में एमजंक्शन की ओर से आयोजित इंडियन कोल मार्केट्स कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे.

कोल इंडिया के चेयरमैन ने कहा है कि कोयले की कीमतें जल्द बढ़ सकती हैं. इस संबंध में भागीदारों के साथ बातचीत हो रही है. उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2025-26 तक कोल इंडिया का खनन लक्ष्य- एक बिलियन टन हासिल कर लिया जायेगा. इंडियन कोल मार्केट्स कॉन्फ्रेंस में श्री अग्रवाल ने कहा कि कोयले की कीमत बढ़ सकती है, क्योंकि ऐसा पिछले पांच वर्षों में नहीं हुआ है.

Also Read: कोल इंडिया का बड़ा फैसला, विवाहित पुत्री को आश्रित मान मिलेगी नौकरी, इस दिन होगी वेतन समझौते पर बैठक

श्री अग्रवाल ने कहा कि इस वर्ष वेतन समझौता भी हो रहा है, जिसका असर कोल इंडिया की वित्तीय स्थिति पर पड़ेगा. विशेषकर उन अनुषंगियों के लिए, जहां मानव श्रम काफी महंगा है. एक बिलियन टन के उत्पादन लक्ष्य पर उन्होंने कहा कि कोल इंडिया वर्ष 2025-26 तक इस लक्ष्य को हासिल कर लेगी. यह देश की जरूरत और निजी सेक्टर के विकास पर निर्भर करेगा.

उन्होंने कहा कि कोई भी देश तब तक विकसित नहीं हो सकता है, जब तक उसके ऊर्जा संसाधन सुरक्षित न हों. इसलिए हमें जरूरत पड़ने पर इसके उत्पादन के लिए तैयार रहना चाहिए. अगर जरूरत नहीं रही, तो आउटपुट को उसके मुताबिक समायोजित कर लिया जायेगा.

Also Read: सिंफर के स्थापना दिवस पर बोले कोल इंडिया के डीटी, ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत तलाशें वैज्ञानिक

उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी भूमिगत कोयला उत्पादन को वर्ष 2030 तक 100 मिलियन टन तक ले जाने का लक्ष्य रख रही है. वर्तमान में यह 25-30 मिलियन टन है. इस अवसर पर एमजंक्शन सर्विसेस लिमिटेड के एमडी व सीइओ विनय वर्मा ने कहा कि वित्त वर्ष 23 में अपेक्षित 700 मिलियन टन से 800 मिलियन टन और कोयले की जरूरत होगी. यह कठिन लक्ष्य है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Exit mobile version