कॉमर्शियल माइनिंग : इस्पात कंपनियों ने कोकिंग कोल ब्लॉक के लिए नहीं लगायी बोली, झारखंड की 9 में से 6 खदानों को मिले ग्राहक
कॉमर्शियल माइनिंग के लिए नीलामी के लिए रखी गयी 38 खानों में से चार कोकिंग कोल ब्लॉक के लिए किसी भी इस्पात कंपनी ने बोली नहीं लगायी. ईंधन की गुणवत्ता और अधिक पूंजी लागत उनकी चिंता है.
रांची/कोलकाता : कॉमर्शियल माइनिंग के लिए नीलामी के लिए रखी गयी 38 खानों में से चार कोकिंग कोल ब्लॉक के लिए किसी भी इस्पात कंपनी ने बोली नहीं लगायी. ईंधन की गुणवत्ता और अधिक पूंजी लागत को लेकर उनकी चिंता है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि इस्पात निर्माण के लिए कोकिंग कोल, एक महत्वपूर्ण कच्चा माल है. नीलामी के लिए रखे गये कोकिंग कोल के चार ब्लॉकों में से दो के लिए कंपनियों से बोलियां मिलीं हैं, लेकिन बोली लगाने वाली ये कंपनियां इस्पात नहीं बनाती हैं.
एक इस्पात कंपनी के अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, ‘इस्पात कंपनियों ने कोकिंग कोल ब्लॉकों के लिए बोली लगाने में दिलचस्पी नहीं दिखायी, क्योंकि इन खदानों से निकलने वाले ईंधन की गुणवत्ता बहुत अच्छी नहीं है और खनन के लिए पूंजी लागत कहीं अधिक आयेगी.’
उन्होंने कहा, ‘कोविड -19 महामारी के दौरान पूंजी व्यय कोष की उपलब्धता भी सीमित है. ऐसे में आयात ही एक बेहतर विकल्प है.’ उन्होंने कहा, ‘चार खानों की निजी उपयोग के लिए, पूर्व में चार बार पेशकश की गयी, लेकिन किसी भी इस्पात बनाने वाली कंपनी ने रुचि नहीं दिखायी थी. नीलामी के मौजूदा दौर में, इस्पात कंपनियों ने बोलियां जमा ही नहीं की हैं.’
उन्होंने दावा किया कि कोयले की जिन दो खानों के लिए बोली मिली है, उनमें एक झारखंड में ब्रह्माडीह और दूसरी मध्यप्रदेश में उरतन है. सरकार ने वाणिज्यिक खनन के लिए कुल 38 कोयला ब्लॉकों को नीलामी के लिए रखा है. नीलामी प्रक्रिया में 23 कोयला खदानों के लिए 42 कंपनियों ने 76 बोलियां प्रस्तुत की हैं.
कोयला मंत्रालय ने कहा था कि 19 कोयला खदानों के लिए दो या अधिक बोलियां प्राप्त हुई थीं. एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘सरकार उन 19 कोयला ब्लॉकों को लेकर आगे बढ़ेगी, जिनके लिए दो या उससे अधिक बोलियां प्राप्त हुई. बाकी खानों के लिए नीलामी प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है, जिनके लिए एक बोली या कोई बोली नहीं, प्राप्त हुई थी.’
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नीलामी प्रक्रिया में, मध्यप्रदेश के 11 में से 8 ब्लॉकों के लिए बोलियां मिलीं, जबकि कंपनियों ने झारखंड की 9 कोयला खदानों में से 6 में अपनी रुचि दिखायी है. कंपनियों ने बिक्री के लिए रखे गये ओड़िशा के 9 कोयला ब्लॉकों में से 5 के लिए बोलियां लगायी हैं, जबकि छत्तीसगढ़ में बिक्री के लिए रखे गये 7 में से दो खानों के लिए बोली लगायी गयी है.
निजी कंपनियों के लिए खोला गया कोयला क्षेत्र
महाराष्ट्र में बिक्री के लिए रखे गये उसके 2 खदानों की नीलामी में कंपनियों ने रुचि दिखायी है. जून में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाणिज्यिक खनन के लिए 41 कोयला ब्लॉकों के लिए नीलामी प्रक्रिया शुरू की. यह एक कदम था, जो निजी कंपनियों के लिए भारत के कोयला क्षेत्र को खोलता है और इसे देश की आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम करार दिया गया. बाद में सूची को संशोधित कर इसे 38 खान कर दिया गया.
Posted By : Mithilesh Jha
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