इस्लामाबाद : ऐतिहासिक आर्थिक संकट की मार झेल रहे पाकिस्तान का आम अवाम महंगाई से त्राहिमाम कर रही है. यहां की सालाना मुद्रास्फीति दर उछलकर करीब 30.4 फीसदी पर पहुंच गई है. मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, नकदी की भारी किल्लत का सामना कर रहे पाकिस्तान में सालाना मुद्रास्फीति दर इस सप्ताह बढ़कर रिकॉर्ड 38.42 फीसदी पर पहुंच गई. जरूरी वस्तुओं की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी होने से पाकिस्तान में मुद्रास्फीति इस स्तर पर पहुंची है.
समाचार पत्र ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने शनिवार को पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो के हालिया आंकड़ों का हवाला देते हुए एक रिपोर्ट में कहा कि अल्पावधि मुद्रास्फीति का मापन करने वाला संवेदी कीमत सूचकांक (एसपीआई) इस सप्ताह सालाना आधार पर बढ़कर 38.42 फीसदी हो गया. साप्ताहिक स्तर पर एसपीआई में 2.89 फीसदी की वृद्धि हुई है, जबकि पिछले सप्ताह 0.17 फीसदी वृद्धि हुई थी. पिछले सप्ताह सालाना स्तर पर एसपीआई मुद्रास्फीति 34.83 फीसदी दर्ज की गई थी.
मुद्रास्फीति में यह वृद्धि पाकिस्तान सरकार के नए टैक्स लगाने और पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें बढ़ाने के कारण हुई है. सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से 1.1 अरब डॉलर की मदद मिलने की शर्त के तौर पर यह कदम उठाया है. पेट्रोल की कीमतों में एक सप्ताह में 8.82 फीसदी, 5 लीटर खाद्य तेल की कीमतों में 8.65 फीसदी, एक किलोग्राम घी के दाम में 8.02 फीसदी, चिकन मीट की कीमतों में 7.49 फीसदी और डीजल की कीमत में 6.49 फीसदी वृद्धि हुई है.
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साप्ताहिक स्तर पर टमाटर की कीमतों में 14.27 फीसदी की कमी आई है. इसके बाद प्याज की कीमतों में 13.48 फीसदी, अंडों की कीमतों में 4.24 फीसदी, लहसुन की कीमतों में 2.1 फीसदी और आटा की कीमतों में 0.1 फीसदी की कमी आई है.
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