नयी दिल्ली : मंगलवार की शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए देश में संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा के बाद रेल यात्रियों में ऑनलाइन टिकट कैंसिल कराने की होड़ मची है. इस बीच, भारतीय रेल कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) ने बुधवार को हिदायत दी है कि वे ट्रेन रद्द होने की स्थिति में उसके वेबसाइट के जरिये अपने ई-टिकट को खुद ही ऑनलाइन रद्द करने का प्रयास नहीं करें. इससे उनको नुकसान हो सकता है.
कॉरपोरेशन के प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह के हवाले से मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, ‘रेल यात्री इन दिनों ट्रेनों के बंद होने की स्थिति में टिकट रद्द करने से जुड़े अपने सभी संदेह को दूर करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अगर ट्रेन को रेलवे या फिर सरकार ने रद्द किया है, तो ई-टिकट पर पूरा रिफंड मिलेगा और आपका टिकट भी खुद-ब-खुद रद्द हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि इस मामले में उपभोक्ताओं को खुद टिकट रद्द करने की कोई जरूरत नहीं है. आईआरसीटीसी के अधिकारी ने कहा कि अगर उपभोक्ता ट्रेन रद्द होने की स्थितियों में अपना ई-टिकट खुद कैंसल करते हैं, तो संभावना है कि उन्हें रिफंड कम मिल सकती है. उन्होंने कहा कि इसलिए यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे उन ट्रेनों के लिए ई-टिकट रद्द न करें, जिन्हें रेलवे ने रद्द कर दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि रिफंड राशि ई-टिकट बुक करने के लिए उपयोग किये जाने वाले उपभोक्ताओं के खाते में ऑटोमेटिक जमा हो जाएगी.
बता दें कि कोरोना वायरस के प्रसार से निपटने के लिए रेलवे ने देश भर में करीब 13,600 से अधिक यात्री ट्रेनों को रद्द कर दिया है. हालांकि, आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केवल माल गाड़ियां चल रही हैं. देश भर में हर दिन लगभग 9,000 मालगाड़ियां आवश्यक वस्तुओं को पहुंचा रही हैं.