उपभोक्ता अदालत ने कैरी बैग के लिए ग्राहक से पैसे लेने पर 15 हजार रुपये मुआवजा देने का दिया निर्देश

Hyderabad, Consumer court, Carry bag : हैदराबाद : उपभोक्ता अदालत ने ग्राहक से कैरी बैग के पैसे लेने पर 'मोर मेगास्टोर' को अनुचित व्यापार आचरण करार देते हुए इसे बंद करने का निर्देश दिया है. हैदराबाद के जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने माना है कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 2 (1) के तहत अनुचित व्यापार आचरण के लिए ग्राहक को विज्ञापन एजेंट के रूप में इस्तेमाल कर रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2021 10:28 AM
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हैदराबाद : उपभोक्ता अदालत ने ग्राहक से कैरी बैग के पैसे लेने पर ‘मोर मेगास्टोर’ को अनुचित व्यापार आचरण करार देते हुए इसे बंद करने का निर्देश दिया है. हैदराबाद के जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने माना है कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 2 (1) के तहत अनुचित व्यापार आचरण के लिए ग्राहक को विज्ञापन एजेंट के रूप में इस्तेमाल कर रहा है.

वीएन राव की अध्यक्षता में पीवीटीआर जवाहर बाबू और आरएस राजश्री की बेंच ने छात्र बागलेकर आकाश कुमार की शिकायत पर सुनवाई करते हुए कहा कि ”विपक्षी पार्टी अपनने कंपनी के लोगो वाले बैग बेच रही है. इस कारण विज्ञापन के साधन के रूप में शिकायतकर्ता का उपयोग कर रहे हैं, यह अनुचित व्यापार आचरण के अलावा निष्पक्ष व्यापार व्यवहार को अपनाना हे. ऐसी हरकतें बेहद आपत्तिजनक होनी चाहिए.

जिला उपभोक्ता आयोग ने बिग बाजार (फ्यूचर रिटेल लिमिटेड) बनाम साहिल डावर में एनसीडीआरसी के फैसले पर भरोसा जताते हुए फैसला दिया है. जिसमें बिग बाजार को कैरी बेयरिंग कंपनी के लोगो की अतिरिक्त लागत से रोक दिया गया था. आयोग ने माना कि भुगतान काउंटर पर कैरी बैग की कीमत का खुलासा करना भी निष्पक्ष व्यापार आचरण के बराबर है.

मामले में ‘मोर मेगास्टोर’ की ओर से पेश हुए अधिवक्ता के चैतन्य ने दलील दी कि कैरी बैग के लिए तीन रुपये लेना किसी भी कानून के खिलाफ नहीं है. उन्होंने कहा कि कंपनी ने शिकायतकर्ता को कैरी बैग खरीदने के लिए कभी मजबूर नहीं किया. ग्राहक ने विशुद्ध रूप से अपनी पसंद के अनुसार कैरी बैग खरीदा है.

आयोग ने शिकायतकर्ता की शिकायत पर कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के आदेशों के अनुसार, रिटेलर अपनी कंपनी के लोगों का उपयोग किये बिना प्लास्टिक कैरी बैग के लिए शुल्क ले सकता है. कैरी बैग के साथ अगर किसी कंपनी के लोगो को बेचा जाता है, जिसे मुफ्त में आपूर्ति की जानी चाहिए. आयोग ने अब कंपनी के सभी ग्राहकों को मुफ्त कैरी बैग उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है, यदि वे कैरी बैग पर अपनी कंपनी का लोगो मुद्रित करते हैं.

साथ ही आयोग ने सादे कैरी बैग के लिए स्वतंत्रता दे दी. आयोग ने कंपनी को निर्देश दिया कि वह शिकायतकर्ता को मुआवजे के रूप में कंपनी से बैग ले जाने के लिए 15 हजार रुपये का भुगतान करे.

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