बेंगलुरु: 3 साल बाद मिला उपभोक्ता को इंसाफ, Goibibo को हर्जाने के तौर पर देने पड़े 45,000 हजार रुपये

बेंगलूरू के एक शख्स को उपभोक्ता अदालत में लगभग साढ़े तीन साल केस लड़ने के बाद टूर और ट्रेवल वेबसाइट Goibibo से हर्जाने के तौर पर 45,000 रुपये मिले. बंगलुरु शहर के कंज्यूमर कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए उपभोक्ता द्वारा Goibibo पर खराब सर्विस देने की दलील को स्वीकार कर लिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 8, 2023 8:02 PM

बेंगलुरु के एक शख्स को उपभोक्ता अदालत में लगभग साढ़े तीन साल केस लड़ने के बाद टूर और ट्रेवल वेबसाइट Goibibo से हर्जाने के तौर पर 45,000 रुपये मिले. दरअसल बेंगलुरु के एमएस नगर निवासी सतीश कुमार पी साल 2019 में सरकारी नौकरी की परीक्षा के लिए अंडमान पहुंचे, लेकिन जब वो अपने होटल में पहुंचे उन्हें बताया गया कि ट्रेवल वेबसाइट Goibibo के माध्यम से बुक किया गया कमरा उपलब्ध नहीं है. भाग्य के भरोसे रहने के बजाय, बेंगलुरु के इस शख्स ने शहर की उपभोक्ता अदालत में फर्म पर मुकदमा दायर किया और खराब सर्विस की वजह से 45,000 रुपये का मुआवजा जीता.

बुकिंग के बाद भी नहीं मिला रूम

आपको बताएं कि, बेंगलुरु निवासी सतीश कुमार पी सरकारी लेखाकार के पद के लिए परीक्षा देने अंडमान के पोर्ट ब्लेयर पहुंचा था. 10 सितंबर, 2019 को, कुमार ने Goibibo पोर्टल के माध्यम से 14 से 16 सितंबर के लिए के पोर्ट ब्लेयर में 789 रुपये का भुगतान करके ओयो रूम बुक किया. होटल पहुंचने पर वहां के कर्मचारियों ने कहा कि हॉस्पिटैलिटी चेन ओयो रूम्स के साथ उनका अनुबंध अगस्त की शुरुआत में समाप्त हो गया था, इस वजह से वहां कोई कमरा उपलब्ध नहीं. जिसके बाद होटल के कर्मचारियों ने सतीश कुमार पी के साथ अभद्र व्यवहार भी किया, जिसे लेकर कुमार को स्थानीय पुलिस से इस घटना की शिकायत की.

उपभोक्ता को मानसिक रूप से तंग किया गया 

इस घटना से कुमार को गंभीर मानसिक पीड़ा हुई और उन्हें एक अन्य होटल में एक कमरा बुक करके परीक्षा में शामिल होना पड़ा. इस दौरान OYO और Goibibo के कस्टमर केयर के साथ कोई सहायता नहीं मिलने के कारण, कुमार बेंगलुरु लौट आए और अक्टूबर 2019 में, खराब सर्विस का आरोप लगाते हुए, दोनों पक्षों के खिलाफ बैंगलोर के शहरी जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज की.

Goibibo की दलील नहीं आयी काम 

इस केस में बहस के दौरान, शिकायतकर्ता के वकील ने अपना मामला पेश किया, जबकि OYO और Goibibo की ओर से उनके वकील पेश हुए और मामले को झूठा बताते हुए खारिज करने की मांग की. OYO के वकील ने कहा कि उनकी फर्म और होटल के बीच अनुबंध 3 अगस्त, 2019 को समाप्त हो गया और उसके बाद कोई बुकिंग स्वीकार नहीं की गई, वहीं Goibibo के प्रतिनिधि ने तर्क दिया कि कुमार को आगे की बुकिंग के लिए 529 रुपये के बोनस के अलावा पूरा रिफंड प्रदान किया गया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया.

कंज्यूमर फोरम ने उपभोक्ता के पक्ष में सुनाया फैसला

बेंगलुरु कंज्यूमर फोरम ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनकर तीन साल से अधिक समय तक मामले की जांच की और निष्कर्ष निकाला कि ग्राहक के लिए कमरा बुक करने में Goibibo की गलती थी, भले ही ओयो रूम्स ने अनुबंध समाप्त कर दिया था, इसने एक वास्तविक ग्राहक को मुश्किल में डाल दिया था, जो सरकारी नौकरी में अपना करियर बनाने के लिए परीक्षा देने पोर्ट ब्लेयर गया था. कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कहा की Goibibo को अपनी सर्विस में कमियों की वजह से 20,000 हजार रूपये का हर्जाना देना होगा, साथ ही उपभोगता को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के लिए 15,000 हजार रूपये और कोर्ट खर्च के रूप में 10,000 रूपये देने होंगे.

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