Consumer protection act : देशभर में आज से कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाएगा. कानून के लागू होने के बाद अब कंपनी झूठा या भ्रामक विज्ञापन नहीं जारी कर सकते हैं. इसके अलावा, घटिया सामान भी बेचने पर इस कानून के तहत अब कार्रवाई होगी.बताया जा रहा है कि इस कानून के लागू हो जाने के बाद देश में उपभोक्ताओं के अधिकार बढ़ जाएंगे. बता दें कि 1986 में लागू कंज्यूमर एक्ट में संशोधन के बाद यह कानून लाया गया है.
क्या है एक्ट में– केंद्र सरकार के उपभोक्ता मंत्रालय द्वारा जारी इस एक्ट में उपभोक्ताओं को ज्यादा अधिकार दिया गया है. एक्ट के मुताबिक उपभोक्ता किसी भी उपभोक्ता न्यायालय में मामला दर्ज करा सकेगा. इसके साथ ही, उपभोक्ता द्वारा शिकायत किए जाने के तुरंत बाद संबंधित की शिकायतों पर कार्रवाई शुरू हो जाएगी. बता दें कि अब ऑनलाइन कारोबार में उपभोक्ताओं के हितों की अनदेखी कंपनियों पर भारी पड़ सकती है और उन पर कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट का मामला चल सकता है. केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान आज इसपर प्रेस कांफ्रेंस कर घोषणा करेंगे. आइए जानते हैं, कंज्यूमर एक्ट की मुख्य बातें…
* भ्रामक विज्ञापन या झूठी विज्ञापन देने पर कंपनी के ऊपर कार्रवाई होगी. भ्रामक विज्ञापन या वैसा विज्ञापन जिससे भ्रम उत्पन्न हो, कंपनी द्वारा जारी नहीं की जा सकती है. जारी करने पर कानूनी कार्रवाई होगी.
* कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के नये कानून के तहत उपभोक्ता अदालत के साथ-साथ एक केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) का गठन किया गया है. यह प्राधिकरण उपभोक्ता के हितों के मामले की सुनवाई कर मामले का निपटारा करेगी.
* भ्रामक विज्ञापन का प्रचार करने वाले सेलिब्रिटी भी अब नपेंगे.
* कानून के तहत सामान खरीदने से पहले भी उपभोक्ता सामान की शिकायत सीसीपीए में कर सकते हैं और मामले की सुनवाई हो सकती है.
* नये कानून के मुताबिक धोखाधड़ी करने वालों के ऊपर अब तुरंत मामला दर्ज किया जाएगा. यानी नये कानून में मामला दर्ज कराने में आसानी होगी.
सजा का ये है प्रावधान– इस कानून का उल्लंघन करने पर सजा और जुर्माना या दोनों की व्यवस्था की गई है. सीसीपीए के डीजी को इसमें अधिकार दिया गया है. सीसीपीए किसी भी दोषी कंपनी को 2 वर्ष से लेकर 5 वर्ष तक की कैद की सजा सुना सकती है. इसके अलावा, 50 लाख रुपये तक जुर्माना वसूलने का भी आदेश दे सकती है. इस कानून के तहत 1 करोड़ रुपये तक के केस की सुनवाई स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन और एक करोड़ से दस करोड़ रुपये नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन में हो सकती है.
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Posted By : Avinish Kumar Mishra
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