लगातार बढ़ रही महंगाई पर नियंत्रण के लिए सरकार ने खाद्य तेल की आयात शुल्क पर कटौती कर दी. इस कटौती का भी खास फायदा ग्राहकों को नहीं मिल रहा है. त्योहारी सीजन में कीमतों पर नियंत्रण रहे इसे लेकर भी सरकार रणनीति तैयार कर रही.
केंद्र सरकार ने खाद्य तेल की लगातार बढ़ रही कीमत पर नियंत्रण के लिए राज्यों के साथ बैठक कर ठोस रणनीति बनाने की योजना बनायी है. केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा, त्योहारी सीजन के दौरान मांग में होने वाली वृद्धि को ध्यान में रखते हुए वह खाद्य तेलों की कीमतों पर नजर रखे हुए है. चर्चा है कि इस बैठक में सरकार खाद्य तेलों के भंडारण को लेकर नयी रणनीति तैयार करेगी. ऑनलाइन होने वाली इस बैठक में इसका खास ध्यान रखा जायेगा कि खाद्य तेल की बढ़ रही कीमतों पर लगाम लगाया जाये.
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यह पहली बार नहीं है जब सरकार ने खाद्य तेल के दाम कम करने को लेकर कोई रणनीति तैयार की है. इससे पहले भी सरकार ने 10 अक्टूबर को घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने और उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के लिए, कुछ आयातकों और निर्यातकों को छोड़कर खाद्य तेलों और तिलहनों के व्यापारियों पर 31 मार्च तक के लिए भंडारण सीमा तय कर दी थी.
सरकार ने इसके लिए खाद्य तेलों और तिलहन पर लगाए जाने वाले भंडार की सीमा को तय करने का आदेश दिया था. केंद्र की तरफ से सभी राज्यों को लिखे गये पत्र में केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने शुक्रवार को कहा, विभाग ने केंद्र द्वारा की गई पहल पर कदम उठाए हैं.
विभाग खाद्य तेलों की कीमतों और साथ ही घरेलू आपूर्ति की निगरानी कर रहा है. देश के कई राज्यों में लगातार बढ़ रहे खाद्य आपूर्ति की कीमत की वजह से त्योहार में बनने वाले लजीज पकवान पर भी संकट नजर आ सकता है. लगातार बढ़ रही महंगाई ने त्योहार का मजा किरकिरा करने का मन बना लिया है जबकि दूसरी तरफ सरकार लगातार इनके नियंत्रण के लिए राज्यों के साथ मिलकर कोई रास्ता निकालने में लगी है.
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