कोरोना काल में कर्ज में डूबी कंपनियों को मिलेगी बड़ी राहत, जानें कौन-कौन से कदम उठा सकती है सरकार

India Latest News Update केंद्र सरकार इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत कई कंपनियों को राहत देने की योजना बना रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (IBC) के तहत की नया मामला लाने की कार्रवाई को निलंबित रखने की समयसीमा को भी 25 दिसंबर से और 3 महीने के लिये 31 मार्च 2021 तक निलंबित किया जा सकता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2020 3:16 PM
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India Latest News Update केंद्र सरकार इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत कई कंपनियों को राहत देने की योजना बना रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (IBC) के तहत की नया मामला लाने की कार्रवाई को निलंबित रखने की समयसीमा को भी 25 दिसंबर से और 3 महीने के लिये 31 मार्च 2021 तक निलंबित किया जा सकता है.

सरकार के इस कदम से कर्ज लेने वाली ऐसी कंपनियों को राहत मिलेगी. जिनका कामकाज कोरोना वायरस की वजह से प्रभावित हुआ है. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने कंपनियों और लोगों की मदद के लिये कई उपाय किये हैं. जिसमें कर भुगतान की तारीख को आगे बढ़ाया जाना भी शामिल है.

सीतारमण ने कहा कि इसके तहत न केवल अनुपालन के मामले में, बल्कि कराधान से संबंधित भुगतान की समयसीमा आगे बढ़ाकर भी राहत दी गयी है. सरकार की मंशा साफ है कि किसी को कठिनाई नहीं हो.

वित्त मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत केंद्र सरकार ने IBC के तहत कार्रवाई शुरू करने के मामले में फंसे कर्ज की न्यूनतम सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दी थी. इससे मुख्य रूप से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों को कर्ज लौटाने में चूक को लेकर दिवाला कानून के तहत किसी भी तरह की कार्रवाई से राहत मिलेगी.

गौर हो कि नयी इन्सॉल्वेंसी कार्रवाई को निलंबित रखने को लेकर जून में अध्यादेश लाया गया था. यह 25 मार्च से प्रभाव में आया और उसी दिन से देश भर में Covid-19 को फैलने से रोकने के लिए Lockdown लगाया गया था. सितंबर में आईबीसी में संशोधन से जुड़े विधेयक को संसद ने मंजूरी दे दी, जिसने अध्यादेश का स्थान लिया.

वहीं, वित्‍त मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि इस महीने की 23 तारीख को 24 हजार 227 करोड़ रुपये का पूंजीगत खर्च हो चुका था, जबकि 2020-21 के लिए लक्ष्‍य 61 हजार 483 करोड़ रुपये था. वित्त मंत्री ने मंत्रालयों के सचिवों से केन्‍द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से संबंधित अनसुलझे मसलों का समाधान करने को भी कहा है.

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