कोरोना महामारी से बैंकों की संपत्ति का मूल्य और पूंजी घटने का मंडरा रहा खतरा, आरबीआई गवर्नर ने दी जानकारी

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि महामारी के कारण बैंकों के बही-खातों में संपत्ति का मूल्य घट सकता है और पूंजी की कमी हो सकती है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि खासतौर से नियामकीय राहतों को वापस लेने के साथ यह जोखिम हो सकता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2021 9:16 PM

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि महामारी के कारण बैंकों के बही-खातों में संपत्ति का मूल्य घट सकता है और पूंजी की कमी हो सकती है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि खासतौर से नियामकीय राहतों को वापस लेने के साथ यह जोखिम हो सकता है. दास ने छमाही वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) की भूमिका में लिखा है कि नकदी स्थिति आसान होने और वित्तीय स्थिति बेहतर होने से बैंकों का वित्तीय मानदंड सुधरा है.

हालांकि, उन्होंने कहा कि लेखांकन के स्तर पर उपलब्ध आंकड़े बैंकों में दबाव की स्पष्ट तस्वीर को नहीं दिखाते हैं. उन्होंने बैंकों से पूंजी बढ़ाने बढ़ाने के लिए मौजूदा स्थिति का उपयोग करने को कहा. साथ ही, कारोबारी मॉडल में बदलाव लाने को कहा, जो भविष्य में लाभकारी होगा.

आरबीआई ने कोविड-19 संकट के बीच लोगों को राहत देने के लिए कर्ज लौटाने को लेकर छह महीने की मोहलत दी, जो अगस्त में समाप्त हो गई. बाद में कर्जदारों को राहत देने के लिए एकबारगी कर्ज पुनर्गठन की घोषणा की. कई बैंकों खासकर निजी क्षेत्र के बैंकों ने महामारी के शुरुआती दिनों में पूंजी जुटाई.

दास ने कहा कि राजकोषीय प्राधिकरणों को राजस्व की कमी का सामना करना पड़ रहा है. नतीजतन, बाजार उधारी कार्यक्रम का विस्तार हुआ है. इससे बैंकों पर अतिरिक्त दबाव पड़ा है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वित्तीय बाजारों के कुछ क्षेत्रों और वास्तविक अर्थव्यवस्था के बीच का अंतर हाल के दिनों में बढ़ा है.

उन्होंने आगाह करते हुए यह भी कहा कि वित्तीय परिसंपत्तियों का बढ़ा हुआ मूल्य वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम पैदा करता है. उन्होंने कहा कि बैंकों और वित्तीय मध्यस्थों को इसका संज्ञान लेने की आवश्यकता है. दास ने कहा कि महामारी से हमें नुकसान हुआ है, आगे आर्थिक वृद्धि और आजीविका बहाल करने का काम करना है और इसके लिए वित्तीय स्थिरता पूर्व शर्त है.

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Posted By : Vishwat Sen

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