Corona Impact : कोरोना वायरस के संक्रमण से खुद को बचाए रखने के लिए लोगों ने काढ़ा पीना क्या शुरू कर दिया, दाल और मसालों के दाम में पिछले महीने की तुलना में करीब 10 फीसदी तक इजाफा हो गया. मजे की बात तो यह है कि इनकी कीमतों में बढ़ोतरी कब और कैसे की गई, किसी को भनक तक नहीं लग सकी.
बता दें कि देश में कोरोना की पहली लहर के दौरान ही आयुष मंत्रालय ने शरीर में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए लौंग, दालचीनी, काली मिर्च, सोंठ या अदरख, तुलसी का पत्ता, गिलोय, हल्दी पावडर आदि का मिश्रण तैयार कर काढ़ा पीने की सलाह दिया था. इसके साथ ही, मंत्रालय ने रात में दूध के साथ हल्दी मिलाकर पीने की भी सुझाव दिया था.
पहली लहर के दौरान लोगों ने खुद को सुरक्षित रखने के लिए काढ़ों में मसालों और दालों का तो जमकर इस्तेमाल किया ही, दूसरी लहर का कहर शुरू होने के बाद ज्यादातर लोगों ने बिना मंत्रालय के परामर्श के खुद-ब-खुद काढ़ा पीना शुरू कर दिया. इसका नतीजा यह रहा कि देश में पिछले एक महीने के दौरान दालों और मसालों की कीमत में करीब 10 फीसदी तक बढ़ोतरी दर्ज की गई.
मिली जानकारी के अनुसार, देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान काढ़ा पीने के चलने में एक बार फिर से तेजी आने के बाद गरम मसालों में प्रमुख लौंग की कीमत में पिछले एक महीने के दौरान 80 से 100 रुपये तक बढ़ोतरी दर्ज की गई. इसके साथ ही, काली मिर्च, गुड़, दाल, चना, काला चना, अरहर, राजमा, करेला, गोभी, लौकी आदि कीमतों में इजाफा हो गया.
मीडिया की खबर के अनुसार, दिल्ली में इस समय लौंग करीब 100 रुपये की वृद्धि के साथ 1100 रुपये प्रतिकिलो बेचा जा रहा है. हालांकि, अप्रैल महीने तक यह 1000 रुपये प्रतिकिलो बेचा जा रहा था. इसके साथ ही, करीब 700 रुपये प्रतिकिलो की दर से बिकने वाली काली मिर्च 750 रुपये किलो बिक रही है.
इसके साथ ही, अगर दालों की बात करें, अप्रैल महीने में 90 से 100 किलो बिकने वाली अरहर दाल 100 से 110 रुपये किलो बिक रही है. राजमा 15 से 20 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 135 रुपये किलो बेचा जा रहा है. वहीं, 65 रुपये बिकने वाला काला चना 75 रुपये तक पहुंच गया है.
Posted by : Vishwat Sen
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