‘पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र में 1,00,00,000 लोगों को गरीब बना सकती है कोरोना महामारी’
कोरोना वायरस महामारी वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से गुजर रही है. वहीं, इसका आम जनजीवन पर भी गहरा प्रभाव पड़ने वाला है.
वाशिंगटन : कोरोना वायरस महामारी वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से गुजर रही है. वहीं, इसका आम जनजीवन पर भी गहरा प्रभाव पड़ने वाला है. विश्वबैंक ने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र में लगभग 1.1 करोड़ लोग गरीबी के जाल में फंस सकते हैं. इस बीमारी से दुनिया भर में 7.80 लाख लोग संक्रमित हैं और 37,000 से अधिक की मौत हो चुकी है.
विश्वबैंक की सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा कि इससे पहले अनुमान लगाया गया था कि 2020 में पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र के करीब 3.5 करोड़ लोग गरीबी से उबर जाएंगे. रिपोर्ट में कहा गया कि यदि आर्थिक स्थिति और अधिक बिगड़ती, तो सबसे बुरी दशाओं में गरीबों की संख्या करीब 1.1 करोड़ बढ़ जाएगी.
बैंक ने कहा है कि विकासशील पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र में वृद्धि दर के धीमी होकर 2.1 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि सबसे बुरी दशा में यह नकारात्मक 0.5 फीसदी हो सकती है. इस क्षेत्र की 2019 में अनुमानति वृद्धि दर 5.8 फीसदी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुमान के मुताबिक चीन की वृद्धि दर 2019 के 6.1 फीसदी से घटकर 0.1 फीसदी से 2.3 फीसदी के बीच रह सकती है.
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