प्राइवेट अस्पतालों में गरीबों को कोरोना का टीका फ्री, आम आदमी को देना होगा पैसा, जानिए नई गाइडलाइन में क्या है एक खुराक की कीमत
केंद्र सरकार ने वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से टीके की खरीद के लिए सौदा कर रखा है. इन दोनों कंपनियों से केंद्र सरकार कोवैक्सीन और कोविशील्ड करीब 150 रुपये प्रति खुराक की दर से खरीदकर राज्यों को फ्री में सप्लाई करती है.
नई दिल्ली : देश में 18 साल से अधिक आयु के लोगों को कोरोना रोधी टीका लगाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से मंगलवार को नई गाइडलान जारी की गई है. इस नई गाइडलाइन के अनुसार केंद्र सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों में गरीब लोगों को फ्री में टीका लगाने की सुविधा उपलब्ध कराई है. इसके साथ ही, यदि आम आदमी निजी अस्पताल में कोरोना का वैक्सीन लगवाता है, तो उसके बदले में उसकी कीमत चुकानी होगी. आइए, जानते हैं कि प्राइवेट अस्पताल में गरीब आदमी के टीके के लिए सरकार ने क्या व्यवस्था की है…
बता दें कि केंद्र सरकार ने वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से टीके की खरीद के लिए सौदा कर रखा है. इन दोनों कंपनियों से केंद्र सरकार कोवैक्सीन और कोविशील्ड करीब 150 रुपये प्रति खुराक की दर से खरीदकर राज्यों को फ्री में सप्लाई करती है. बीते 1 मई 2021 से केंद्र सरकार ने 18-44 साल के लोगों को टीका लगाने के लिए वैक्सीन की खरीद करने की छूट दी थी, लेकिन कई राज्यों ने इस बात को लेकर शिकायत की कि कंपनियां उनसे वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर सीधे तौर पर सौदा नहीं कर रही है. इस वजह से टीकाकरण अभियान पर प्रभाव पड़ रहा है. अब केंद्र सरकार ने एक बार फिर टीकाकरण अभियान के लिए वैक्सीन की उपलब्धता अपने हाथ में ले लिया है.
सरकारी सेंटर पर फ्री में मिलेगा वैक्सीन
मंगलवार को केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार, देश के सभी सरकार और प्राइवेट टीकाकरण केंद्रों पर कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध होगी. इसमें यह भी कहा गया है कि 21 जून 2021 से सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर 18 साल से ऊपर के सभी आयुवर्ग के लोगों को फ्री में वैक्सीन की खुराक उपलब्ध कराई जाएगी. वहीं, यदि कोई प्राइवेट अस्पताल या प्राइवेट टीकाकरण केंद्र पर वैक्सीन लगवाने जाएंगे, तो उन्हें इसके बदले पैसे का भुगतान करना होगा.
प्राइवेट अस्पतालों में कितना देना होगा पैसा?
प्राइवेट अस्पतालों या प्राइवेट टीकाकरण केंद्र पर अगर कोई व्यक्ति कोरोना की वैक्सीन लगवाने जाता है, तो भारत बायोटे की वैक्सीन कोवैक्सीन की एक खुराक के बदले 1350 रुपये का भुगतान करना होगा. वहीं, यदि वे सीरम इंस्टीट्यूट के कोविशील्ड का टीका लगवाते हैं, तो उन्हें 750 रुपये देने होंगे. इसकी वजह यह है कि भारत बायोटेक की ओर से प्राइवेट अस्पतालों को 1200 रुपये में कोवैक्सीन की एक खुराक उपलब्ध कराई जा रही है, जबकि कोविशील्ड की एक खुराक के बदले उन्हें 600 रुपये देना पड़ता है. इस पर सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों के लिए 150 रुपये सर्विस चार्ज फिक्स कर रखा है.
प्राइवेट अस्पतालों में गरीबों को टीका फ्री
चर्चा ऐसी भी है कि प्राइवेट अस्पतालों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को फ्री में कोरोना का टीका दिया जाएगा. इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से नन-ट्रांसफरेबल इलेक्ट्रॉनिक वाउचर्स जारी किए जाएंगे. इस वाउचर के जरिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग प्राइवेट अस्पतालों में टीका लगवा सकेंगे. सबसे बड़ी बात यह है कि इस वाउचर का इस्तेमाल वही व्यक्ति कर पाएगा, जिसके लिए इसे जारी किया जाएगा. आर्थिक रूप से कमजोर लोग इसे मोबाइल पर डाउनलोड कर सकेंगे. वैक्सीनेशन सेंटर पर ई-वाउचर को स्कैन करते ही पैसा पहुंच जाएगा. इसका स्टेटस कोविन पर भी दिखाए जाएगा.
सोसायटी और कंपनी कैंपस में प्राइवेट अस्पतालों की रेट तय नहीं
इस बीच, एक अहम सवाल यह भी पैदा होता है कि जो लोग न तो सरकारी टीकाकरण केंद्र और न ही प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना टीका लगवा रहे हैं, लेकिन वे अपनी सोसायटी या कंपनी में ही टीकाकरण अभियान के जरिए वैक्सीनेशन करवाना चाहते हैं, तो उन्हें क्या कीमत अदा करनी पड़ेगी. चूंकि, केंद्र सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों के लिए सर्विस चार्ज की सीमा तय कर रखी है. अब अगर उससे अलग किसी जगह- जैसे कंपनी या सोसायटी परिसर में प्राइवेट अस्पताल से साझेदारी करके वैक्सीनेशन कराया जाता है, तो उस पर अस्पताल कितना चार्ज वसूल सकते हैं, इस पर गाइडलाइन में कोई स्पष्टीकरण दिखाई नहीं देता. हालांकि, पिछले दिनों ऐसी जगहों पर वैक्सीन की एक खुराक के लिए 2,000 रुपये वसूले जाने की भी खबरें आई हैं.
Posted by : Vishwat Sen
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