Coronavirus Outbreak: 2000 या 500 या किसी भी नोट से हो सकता है कोरोना इन्फेक्शन, SBI रिसर्च में खुलासा

देशभर में कोरोनावायरस (coronavirus) के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. ऐसे में एसबीआई ने एक चौकाने वाली बात बतायी है. एसबीआई के एक अध्‍ययन में दावा किया गया है कि 2000, 500, 200, 100, 50 या कोई भी नोट या सिक्‍के पर कोरोना वायरस का संक्रमण हो सकता है और यह किसी भी व्‍यक्ति को संक्रमित कर सकता है.

By AmleshNandan Sinha | March 22, 2020 10:42 PM

मुंबई : देशभर में कोरोनावायरस (coronavirus) के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. ऐसे में एसबीआई ने एक चौकाने वाली बात बतायी है. एसबीआई के एक अध्‍ययन में दावा किया गया है कि 2000, 500, 200, 100, 50 या कोई भी नोट या सिक्‍के पर कोरोना वायरस का संक्रमण हो सकता है और यह किसी भी व्‍यक्ति को संक्रमित कर सकता है. एसबीआई (SBI) ने कहा कि कागजी नोटों से भी कोरोना वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से ट्रांसफर हो सकते हैं.

विशेषज्ञों का मानना है कि यह वायरस कागज के नोटों से भी एक व्यक्ति से दूसरे में आसानी से ट्रांसफर हो सकता है. एसबीआई की रिसर्च के मुताबिक, सरकार को ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और कनाडा जैसे देशों में चलने वाली करंसी पर काम करना चाहिए. इन देशों में पॉलीमार करंसी का इस्तेमाल किया जाता है. इन नोटों पर किसी भी वायरस का कोई असर नहीं होता है. वहीं, भारत में कागज के नोटों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसके जरिए कोई भी वायरस आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे में ट्रांसफर हो सकता है.

दूसरी ओर कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने लोगों से नोट अथवा सिक्कों का लेनदेन करने के बाद हाथ धोने की अपील की है. आईबीए ने ग्राहकों से कहा है कि जहां तक संभव हो लेनदेन के लिए ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग माध्यमों का उपयोग करें और बैंक शाखाओं में जाने से बचें. आईबीए ने कहा है कि ऐसा नहीं करने पर बैंकों के ग्राहकों को सीधे सेवाएं देने वाले कर्मचारियों के लिए जोखिम पैदा हो सकता है.

आईबीए ने एक सार्वजनिक अपील में कहा, प्रत्यक्ष बैंकिंग लेनदेन, मुद्रा गणना, आधार आधारित भुगतान प्रणाली से लेनदेन करने के पहले और बाद में कम से कम 20 सेकंड के लिए अपने हाथों को साबुन से धोएं. भारतीय बैंक संघ ने इसके लिए ‘कोरोना से डरो ना, डिजिटल करो ना’ नारे के साथ एक अभियान शुरू किया है.

बैंक संघ जनता को क्रेडिट और डेबिट कार्ड के इस्तेमाल को बढ़ावा देने को लेकर प्रोत्साहित कर रहा है. आईबीए ने आश्वासन देते हुए कहा कि उसके सभी सदस्य बैंक लगातार बाधा रहित बैंक सेवाएं उपलब्ध कराते रहेंगे. इसके साथ ही उसने ग्राहकों से भी अपील की है कि जरूरी होने पर ही बैंक शाखाओं में जाएं.

डेबिट क्रेडिट कार्ड भी नहीं सुरक्षित

डेबिट व क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वाले भी सावधान रहें क्योंकि ये प्लास्टिक कार्ड हैं, जिस पर कोरोना वायरस 24 घंटे तक जिंदा रह सकता है. मशीन में इसके इस्तेमाल के दौरान आपके कार्ड पर भी यह वायरस आ सकता है इसलिए या तो इसका प्रयोग न करें या फिर इस्तेमाल के बाद इसका और अपने हाथों को सैनिटाइज करें. इसी तरह एटीएम मशीनों पर भी संक्रमण का खतरा हो सकता है.

एक नोट में होते हैं करीब 26 हजार बैक्टीरिया

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में 2012 कागज के नोट पर हुए शोध में सामने आया है कि एक नोट में करीब 26 हजार बैक्टीरिया होते हैं, जो इंसान के स्वास्थ्य के लिए घातक हैं. कोरोना वायरस भी कागज के नोट से तेजी से फैल सकता है क्योंकि नोट ज्यादा सर्कुलेट होते हैं. एक्‍सपर्ट का कहना है कि सरकार को तुरंत प्रभाव से कागज की करंसी को सैनिटाइज करना चाहिए.

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