कोरोना वायरस: 2020 में बढ़ेगा बैंकों का एनपीए और ऋण लागत
बैंकों के गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) अनुपात में 1.9 प्रतिशत और ऋण लागत अनुपात में 1.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने का अनुमान है.
कोरोना वायरस महामारी के चलते आर्थिक मंदी से देश में 2020 के दौरान बैंकों के गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) अनुपात में 1.9 प्रतिशत और ऋण लागत अनुपात में 1.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने का अनुमान है.
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के मुताबिक, ‘‘कोरोना वायरस संकट के चलते एशिया-प्रशांत बैंकों की ऋण लागत में 300 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हो सकती है.” उसका अनुमान है कि चीन का एनपीए अनुपात लगभग दो प्रतिशत बढ़ेगा, जबकि ऋण लागत अनुपात में एक प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी. रेटिंग एजेंसी के क्रेडिट विश्लेषक गेविन गुनिंग ने कहा कि भारत में एनपीए अनुपात लगभग चीन के समान (1.9 प्रतिशत) रह सकता है, लेकिन ऋण लागत अनुपात अधिक बुरा होकर करीब 1.3 प्रतिशत बढ़ सकता है.
गनिंग ने कहा कि ऐसी चिंताएं भी हैं कि कोरोना वायरस आगे और तेजी से फैलेगा और उसका असर लंबे समय तक रह सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘इससे 2020 में आर्थिक तकलीफ और बढ़ेगी, जिसका अनुमान हम पहले ही लगा चुके हैं. वित्तीय दशाएं और खराब हो सकती हैं, क्योंकि निवेशक जोखिम से बचने की कोशिश करेंगे. इससे बैंकों द्वारा दिया गया कर्ज प्रभावित होगा.”
आपको बता दें कि कोरोना के कहर की वजह से विश्व की रेटिंग एजेंसी ने भारत की वर्ष 2020 अर्थ व्यवस्था को गहरा झटका दिया था, उन्होंने भारत की जीडीपी को घटा कर 5.4 प्रतिशत कर दिया था,
मूडीज ने सिर्फ भारत की जीडीपी डर नहीं घटाया है उन्होंने चीन की भी विकास डर को कम करके 5.2 फीसदी से घटा कर 4.8 कर दिया है. इस टॉप रैंकिंग एजेंसी ने अमेरिका के विकास दर अनुमान को भी 1.7 फीसदी से घटाकर 1.5 फीसदी कर दिया गया था. इसके अलावा मूडीज ने जी20 देशों का विकास दर 2020 में 0.3 फीसदी घटाकर 2.1 रहने का अनुमान जताया था.
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