मुंबई : कोरोना वायरस के कहर से बुधवार को बंबई शेयर बाजारों में हाहाकार मचा रहा. दिनभर के उतार-चढ़ाव के बीच हुए कारोबार में बीएसई का प्रमुख संवेदी सूचकांक बुधवार को 214.22 अंक टूटकर 38,409.48 अंक और एनएसई का निफ्टी 52.30 अंक के नुकसान से 11,251 अंक पर बंद हुआ. हालांकि, कारोबार के अंत तक सेंसेक्स में करीब 560 अंकों का सुधार देखा गया, जबकि निफ्टी निचले स्तरों से करीब 172 अंक सुधरकर बंद हुआ. कारोबार के अंतिम दौर में बैंकिंग सेक्टर के शेयरों में लिवाली देखी गयी, जिसकी वजह से बाजार में कुछ सुधार देखने को मिला. हालांकि, मंगलवार को सेंसेक्स लाभ में रहा था.
सेंसेक्स की कंपनियों में इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, आईटीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में गिरावट आयी. वहीं, सनफार्मा, टेक महिंद्रा, महिंद्रा एंड महिंद्रा और एशियन पेंट्स के शेयर लाभ में रहे. कारोबारियों ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस के 28 मामलों की पुष्टि हुई है. इससे घरेलू बाजारों में काफी उथल-पुथल रही. सत्र की शुरुआत के समय तक सिर्फ छह मामलों की पुष्टि हुई थी.
सेंसेक्स की कंपनियों में इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, आईटीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में गिरावट आयी. वहीं, सनफार्मा, टेक महिंद्रा, महिंद्रा एंड महिंद्रा और एशियन पेंट्स के शेयर लाभ में रहे. कारोबारियों ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस के 28 मामलों की पुष्टि हुई है. इससे घरेलू बाजारों में काफी उथल-पुथल रही. सत्र की शुरुआत के समय तक सिर्फ छह मामलों की पुष्टि हुई थी.
इसके साथ ही, अमेरिका के केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में आधा फीसदी की कटौती की है. इससे वैश्विक शेयर बाजारों में लाभ रहा. फेडरल रिजर्व के चेयमरैन जेरोम पॉवेल का मानना है कि कोरोना वायरस आर्थिक गतिविधियों के लिए जोखिम पैदा करेगा. हालांकि, फेडरल रिजर्व के ब्याज दर कटौती का फैसला भारतीय निवेशकों में उत्साह पैदा नहीं कर सका.
आशिका इंस्टिट्यूशनल इक्विटी रिसर्च का कहना है कि अभी इस बात को लेकर अनिश्चितता है कि कैसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं वायरस को फैलने से रोकेंगी. एशियाई बाजारों में चीन का शंघाई, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए. वहीं, हांगकांग के हैंगसेंग में नुकसान रहा. शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजार एक फीसदी तक की बढ़त में थे. ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 0.58 फीसदी की बढ़त के साथ 52.16 डॉलर प्रति बैरल पर था. अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 14 पैसे के नुकसान के साथ 73.34 प्रति डॉलर पर था.
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