Coronavirus Impact: चीन को तोड़ने की तैयारी में भारत, इन सेक्टर्स से जीतेगा दुनिया का दिल
Coronavirus पर झूठ बोलना चीन को अब भारी पड़ने लगा है. जापान और अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों ने चीन में व्यापार बढ़ाने से तौबा कर लिया है और अपने सभी फैक्ट्रियों को दूसरे देश शिफ्ट करने पर काम शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि इसमें से अधिकांश फैक्ट्री भारत में लगायी जा सकती है.
नयी दिल्ली : Coronavirus पर झूठ बोलना चीन को अब भारी पड़ने लगा है. जापान और अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों ने चीन में व्यापार बढ़ाने से तौबा कर लिया है और अपने सभी फैक्ट्रियों को दूसरे देश शिफ्ट करने पर काम शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि इसमें से अधिकांश फैक्ट्री भारत में लगायी जा सकती है.
बिजनेस अखबार द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार जापान पहले से ही अपने फैक्ट्रियों के लिए जगह तलाश कर रही थी. कोरोना महामारी कै बाद चीन के रवैए ने इस बात पर और अधिक बल दे दिया है. माना जा रहा है कि जापान जल्द ही चीन से अपनी फैक्ट्रियां हटाकर दूसरे देशों में स्थापित कर सकती हैं.
इससे पहले, जापान ने कोरोनावायरस के महामारी को देखते हुए मेन्यूफेक्चरिंग कंपनियों को 2.2 बिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता दी थी, जिससे की कंपनी ओ हटाने की प्रक्रिया शुरू की जा सके.
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अमेरिकन कंपनी भी कर सकती है तौबा– कि चीन के कोरोनावायरस पर झूठ का असर सबसे अधिक अमेरिका पर पड़ा है. अमेरिका में इस वायरस से अब तक 26000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार चीन पर कोरोनावायरस को लेकर झूठ बोलने का आरोप लगा चुके हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि चीन में अमेरिकन कंपनियां भी अपना बोरिया बिस्तर समेटने में लगी है
भारत में रणनीति पर काम शुरू– भारत सरकार की कोशिश है कि जो कंपनी चीन से विस्थापित होगी उस सभी को भारत में लगाया जाए. इसको लेकर मंत्रालय में उच्च अधिकारियों की कई दफे बैठक ही हो चुकी है. एक अधिकारी ने अखबार को बताया कि हमें उम्मीद है जल्द ही एक अच्छा परिणाम आयेगा.
चीन की जीडीपी में सात फीसदी गिरावट– बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार कोरोनावायरस के कारण चीन की जीडीपी में भारी गिरावट दर्ज की गयी है. मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में चीन की अर्थव्यवस्था में 6.8 प्रतिशत की गिरावट आयी है. शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबि बीते तीन दशकों में ऐसा पहली बार हुआ है जब चीन की अर्थव्यवस्था में गिरावट आयी है.
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