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देश के इन राज्यों में खत्म होगा कोरोना, तभी पटरी पर अर्थव्यवस्था की लौटने की उम्मीद

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास कोरोना संकट से देश की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए किए गए उपायों को लेकर शुक्रवार को कई ऐलान किए. साथ ही ये भी कहा कि 2020-21 में देश की आर्थिक विकास दर नेगेटिव रह सकती है

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास कोरोना संकट से देश की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए किए गए उपायों को लेकर शुक्रवार को कई ऐलान किए. साथी ही ये भी कहा कि 2020-21 में देश की आर्थिक विकास दर नेगेटिव रह सकती है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते आर्थिक गतिविधियां बाधित होने से भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि वित्त वर्ष 2020-21 में नकारात्मक रहेगी. आरबीआई गवर्नर कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ रही है और मुद्रास्फीति के अनुमान बेहद अनिश्चित हैं.

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उन्होंने कहा, दो महीनों के लॉकडाउन से घरेलू आर्थिक गतिविधि बुरी तरह प्रभावित हुई है. साथ ही उन्होंने जोड़ा कि शीर्ष छह औद्योगिक राज्य, जिनका भारत के औद्योगिक उत्पादन में 60 प्रतिशत योगदान है, वे मोटे तौर पर रेड या ऑरेंज जोन में हैं. हालांकि आरबीआई गवर्नर ने उन राज्यों का नाम नहीं लिया लेकिन वहां ठप्प पड़ी औद्योगिक कार्यों को रेखांकित जरूर किया. इसका मतलब ये कि जब तक इन राज्यों में कोरोना का कहर कम नहीं होगा तब तक अर्थव्यवस्था पटरी पर नहीं लौट सकती है.

देश 24 मार्च से लॉकडाउन है. कारखाने-उद्योग बंद होने से बड़े शहरों से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने गृह राज्य लौट रहे हैं या लौट गये हैं. काम-धंधे कब सुचारू रूप से शुरू होंगे यह कह पाना मुश्किल है. हालांकि लॉकडाउन 4.0 में रियायतों के तहत शर्तों के साथ उद्योग-धंधे खोलने की इजाजत है. इसके बाद भी औद्योगिक गतिविधियां शुरू नहीं हो पा रहीं. बता दें कि हाल में घोषित 20 लाख करोड़ के पैकेज में से बड़ा हिस्सा एमएसएमई को दिया गया. अब सवाल ये है कि कौन कौन से वो राज्य है जहां कोरोना के मामले सबसे ज्यादा हैं और औद्योगिक गतिविधियां करीब करीब बंद हैं.

इन राज्यों में सबसे ज्यादा मामले-सबसे ज्यादा रेड जोन

महाराष्ट्रः कोरोना का सबसे ज्यादा कहर देश में महाराष्ट्र में हैं. यहां कुल मामले 39,297 हो चुके हैं यहां कोरोना ने अब तक 1390 लोगों की जान ले ली है. पिछले 24 घंटे में यहां 2,161 नए मामले सामने आए हैं. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 20 हजार से ज्यादा कोरोना के मामले हैं. सबसे ज्यादा रेड जोन भी यहीं है. मुंबई-पुणे और औरंगाबाद से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर वापस लौट गये हैं.

तमिलनाडुः दक्षिण भारत का ये राज्य दूसरा सबसे बुरा प्रभावित राज्य बना हुआ है. वहां कुल मामले 13,191 हैं। पिछले 24 घंटे में तमिलनाडु में 743 नए मामले सामने आए हैं. यहां औद्योगिक गतिविधियां जरूर शुरू हुईं हैं मगर उनकी रफ्तार काफी कम है.

गुजरातः कपड़ों के कारोबार के लिए प्रसिद्ध गुजरात देश का तीसरा सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित राज्य है. यहां लगातार 4 दिनों से रोज करीब 400 नए केस आ रहे हैं. इनमें से 5,219 मरीज ठीक हो चुके हैं जबकि 749 की मौत हो चुकी है. अहमदाबाद,सूरत और बड़ौदा जैसे शहर में इस हफ्ते से काम दाम शुरू हुआ है.

दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना का कहर भी कम नहीं है. यहां लगातार चौथे दिन 500 से ज्यादा केस मिले हैं. शुक्रवार को तो यह आंकड़ा 600 के भी पार हो गया. दिल्ली में अब कुल मरीजों की संख्या 12,319 तक पहुंच गई है. दिल्ली से लगे गुरूग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद में बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइंया हैं जो कोरनावायरस और लॉकडाउन के कारण चरमरा गयी है.

उत्तर प्रदेशः देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में भी पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं. यहां कुल मामले 5 हजार को पार कर चुके हैं. इनमें से 3,066 ठीक हो चुके हैं जबकि 127 की मौत हो चुकी है.

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