कोरोना वायरस महामारी के चलते 15 करोड़ लोगों पर पड़ सकती है गरीबी की मार, विश्व बैंक ने दी चेतावनी

Coronavirus pandemic impact : विश्व बैंक (World Bank) ने बुधवार को यह चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus pandemic) के कारण 2021 तक 15 करोड़ लोगों के अत्यधिक गरीबी (Poverty) के दलदल में फंसने के आसार हैं. विश्व बैंक ने कहा कि देशों को कोरोना वायरस महामारी के बाद अलग प्रकार की अर्थव्यवस्था के लिए तैयार रहना होगा, जिसमें पूंजी, श्रम, कौशल और नवाचार को नये क्षेत्रों तथा व्यवसायों में जाने की अनुमति देनी होगी.

By Agency | October 7, 2020 6:52 PM

Coronavirus pandemic impact : विश्व बैंक (World Bank) ने बुधवार को यह चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus pandemic) के कारण 2021 तक 15 करोड़ लोगों के अत्यधिक गरीबी (Poverty) के दलदल में फंसने के आसार हैं. विश्व बैंक ने कहा कि देशों को कोरोना वायरस महामारी के बाद अलग प्रकार की अर्थव्यवस्था के लिए तैयार रहना होगा, जिसमें पूंजी, श्रम, कौशल और नवाचार को नये क्षेत्रों तथा व्यवसायों में जाने की अनुमति देनी होगी.

संगठन ने कहा कि कोविड-19 के कारण इस साल 8.8 करोड़ से 11.5 करोड़ अतिरिक्त लोगों के अत्यधिक गरीबी के दायरे में धकेल दिये जाने की आशंका है. इससे 2021 तक अत्यधिक गरीब लोगों की संख्या बढ़कर 15 करोड़ पर पहुंच सकती है. संगठन ने कहा कि यह आर्थिक गिरावट की रफ्तार पर निर्भर करेगा.

महामारी नहीं आती, तो कम होती गरीबी

विश्व बैंक ने अपनी द्विवार्षिक गरीबी व साझा समृद्धि रिपोर्ट में कहा कि यदि यह महामारी नहीं आती, तो 2020 में अत्यधिक गरीब लोगों की संख्या कम होकर 7.9 फीसदी पर आ जाने का अनुमान था. विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष डेविड मालपास ने कहा कि महामारी और वैश्विक मंदी दुनिया की आबादी के 1.4 फीसदी से अधिक लोगों के गरीबी में गिरने का कारण हो सकता है.

अलग तरीके की तैयार करनी होगी अर्थव्यवस्था

उन्होंने कहा कि विकास की प्रगति और गरीबी में कमी की दिशा में इस गंभीर झटके को पलटने के लिए पूंजी, श्रम, कौशल और नवाचार को नये व्यवसायों व क्षेत्रों में कदम रखने की अनुमति देकर देशों को कोविड-19 के बाद के दौर में एक अलग प्रकार की अर्थव्यवस्था तैयारी करनी होगी.

पहले से गरीब देशों में ज्यादा बढ़ेगी गरीबी

विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया कि पहले से ही जिन देशों में गरीबी दर अधिक है, उन्हीं देशों में नये गरीबों की संख्या भी बढ़ने वाली है. कई मध्यम आय वर्ग वाले देशों में महत्वपूर्ण संख्या में लोग अत्यधिक गरीबी रेखा से नीचे खिसक जाएंगे. रिपोर्ट में अनुमान के मुताबिक, लगभग 82 फीसदी ऐसे लोग मध्यम आय वाले देशों में होंगे.

Also Read: IRCTC/Indian Railways Latest News : ट्रेन खुलने से केवल 30 मिनट पहले तक करा सकेंगे टिकट की बुकिंग, जानिए क्या है रिजर्वेशन का नया नियम

गरीबी उन्मूलन लक्ष्य को पाना मुश्किल

विश्व बैंक ने कहा कि संघर्षों, पर्यावरण में परिवर्तन समेत कोविड-19 के कारण 2030 तक गरीबी को समाप्त करने के लक्ष्य को हासिल का पाना मुश्किल लग रहा है. उसने कहा कि अब 2030 तक वैश्विक गरीबी दर 7 फीसदी के आसपास रहने का अनुमान है.

Also Read: IRCTC Tejas Express Trains : 7 महीने बाद 17 अक्टूबर से दोबारा चलने लगेगी तेजस एक्सप्रेस, जानिए कब शुरू होगी बुकिंग

Posted By : Vishwat Sen

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version