Cost Cutting : देश में फैले कोरोना वायरस महामारी के बीच हिंदुजा ग्रुप की वाहन निर्माता कंपनी अशोक लेलैंड ने अपने यूनिट और कार्यालयों के कर्मचारियों के लिए एक बार फिर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की योजना (वीआरएस) की शुरुआत की है. अशोक लेलैंड ने शेयर बाजार को दी गई सूचना में कहा कि 6 नवंबर को हुई निदेशक मंडल की बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई है. वीआरएस स्कीम उन सभी के लिए खुली है, जिन्होंने संगठन के साथ न्यूनतम एक वर्ष की सेवा पूरी कर ली है. कंपनी ने कहा कि यह योजना नौ महीने की अवधि में लागू की जाएगी.
अशोक लेलैंड ने इससे पहले 2019 में वीआरएस स्कीम को लागू किया था. तब इस योजना को कंपनी के 200 कर्मचारियों ने चुना था. अशोक लेलैंड ने 2019 में वीआरएस स्कीम 20 से 25 साल पुराने कर्मचारियों के लिए लागू की थी, जिसमें कंपनी ने कमजोर प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को वीआरएस दिया था. अशोक लेलैंड के मानव संसाधन विभाग के अधिकारी एनवी बालाचंदर के मुताबिक इस स्कीम का लाभ कंपनी में एक से 32 साल तक काम करने वाले कर्मचारी उठा सकते हैं.
बालाचंदर ने कहा कि इस स्कीम के लागू होने से लागत में कमी और सक्षम संगठनात्मक ढांचा तैयार करने में कंपनी को मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि वीआरएस को कंपनी के कार्यालयों/फैक्ट्री लोकेशनों पर नौ महीने की अवधि के दौरान क्रियान्वित किया जाएगा. वीआरएस के क्रियान्वयन से कंपनी की क्षमता और संसाधनों को अनुकूल बनाने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा कि सेवा के ज्यादा कार्यकाल का मतलब है, ज्यादा भुगतान. यदि कर्मचारी सेवा के पांच साल पूरा कर लेता है, तो उसे पांच महीने तक एक महीने की सैलरी मिलेगी और यदि कार्यकाल पांच साल से ज्यादा है, तो उसे अपने सेवाकाल के लिए आधे महीने की सैलरी मिलेगी.
बालाचंदर ने कहा कि कंपनी को जल्द रिटायरमेंट के लिए कई कर्मचारियों ने आवेदन किया है, जिसके चलते कंपनी ने वीआरएस स्कीम को लागू किया है. इस स्कीम में देशभर में मौजूद अशोक लेलैंड के कर्मचारी स्वैच्छिक रिटायरमेंट का लाभ ले सकते हैं.
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Posted By : Vishwat Sen
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