नयी दिल्ली : कोरोनावायरस महामारी के इस दौर में संकट में फंसी भारतीय अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्त मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय के बड़े अधिकारियों के साथ बैठक की है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित इस बैठक में दोनों मंत्रालयों के शीष 50 अधिकारियों ने भाग लिया. सूत्रों ने बताया कि बैठक में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की रणनीति बनायी गयी.
प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों मंत्रालयों के अधिकारियों से अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर भविष्य की रणनीति पर राय मांगी है. सूत्रों ने बताया कि यह मीटिंग वीडियो कॉन्फेंस के माध्यम से की गयी. पीएम मोदी ने अधिकारियों के साथ लगभग डेढ़ घंटे तक बातचीत की. इस दौरान अधिकारियों ने प्रजेंटेशन के माध्यम से पीएम मोदी के साथ अपना-अपना आइडिया शेयर किया.
इस बैठक से ठीक पहले प्रधानमंत्री मोदी ने आर्थिक सलाहकार परिषद के साथ-साथ वित्त मंत्रालय और नीति आयोग के मुख्य एवं प्रधान आर्थिक सलाहकारों से भी अलग-अलग बैठकें की. इसमें भी भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सुझाव मांग गये. प्रधानमंत्री का पूरा ध्यान कोविड-19 के कारण बेजान हो चुकी अर्थव्यव्स्था में जान फूंकने पर है.
दूसरी ओर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने उद्योग जगत को हर संभव समर्थन का भरोसा देते हुए कहा कि वे कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने में सरकार का साथ दें. उन्होंने कहा कि उद्योग जगत को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत परियोजनाओं में भागीदार बनना चाहिए. गडकरी ने एक संगोष्ठी को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा, ‘अभी हमारी अर्थव्यवस्था बहुत सारी चुनौतियों का सामना कर रही है. सरकार सकारात्मक और सहायक है. यह ऐसा समय है, जिसमें हमें सभी संबंधित पक्षों से सहयोग की आवश्यकता है.’
गडकरी ने कहा, ‘बैंकों, वित्तीय संस्थानों, एमएसएमई, उद्योगों, कृषि, बुनियादी ढांचे, हर जगह हमें योजना बनाने की आवश्यकता है और एक उचित दृष्टि के साथ हमें तेजी से आगे बढ़ने की जरूरत है.’ गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी है और एक लाख करोड़ रुपये के दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे समेत 22 हरित राजमार्गों पर काम चल रहा है. गडकरी ने कहा कि अभी एमएसएमई सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि में 30 प्रतिशत का योगदान करते हैं और निर्यात में इनकी 48 से 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
Posted by: Amlesh Nandan Sinha.
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