Covid impact on economic growth : देश-दुनिया में पिछले एक साल से जारी कोरोना महामारी के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था को ग्रामीण क्षेत्र का मजबूत सहारा मिलने की उम्मीद है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर से गुरुवार को जारी नए अनुमान के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कोरोना महामारी के गहरे प्रभाव की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र को छोड़कर करीब 7.7 गिरावट दर्ज की जाएगी.
एनएसओ की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना महामारी के गहरे प्रभाव की वजह से देश की अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष (2020-21) में 7.7 फीसदी गिरावट का अनुमान है. इससे पिछले वर्ष 2019-20 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 4.2 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई थी.
एनएसओ की ओर से जारी राष्ट्रीय आय के पहले अग्रिम अनुमान में कहा गया है कि कृषि को छोड़कर अर्थव्यस्था के लगभग सभी क्षेत्रों में गिरावट आएगी. एनएसओ के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 में स्थिर मूल्य (2011-12) पर वास्तविक जीडीपी या जीडीपी 134.40 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 9.4 फीसदी गिरावट
वहीं, वर्ष 2019-20 में जीडीपी का शुरुआती अनुमान 145.66 लाख करोड़ रुपये रहा है. इस लिहाज से 2020-21 में वास्तविक जीडीपी में अनुमानत: 7.7 फीसदी की गिरावट आएगी, जबकि इससे पिछले साल जीडीपी में 4.2 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई थी. चालू वित्त वर्ष में विनिर्माण क्षेत्र में 9.4 फीसदी की गिरावट आने का अनुमान है. वहीं 2019-20 में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर लगभग स्थिर (0.03 फीसदी) रही थी.
कृषि क्षेत्र में 3.4 फीसदी रहेगी वृद्धि दर
एनएसओ का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में खनन और संबद्ध क्षेत्रों, व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाओं में उल्लेखनीय गिरावट आएगी. हालांकि, 2020-21 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 3.4 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि 2019-20 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 4 फीसदी रही थी. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 23.9 फीसदी और दूसरी तिमाही में 7.5 फीसदी की गिरावट आई है.
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Posted By : Vishwat Sen
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