Loading election data...

राजस्थान के सरकारी खजाने पर भी पड़ेगी लॉकडाउन की मार, कर संग्रहण में कमी का अनुमान

covid19 lockdown to hit revenue collection of rajasthan जयपुर : कोरोना महामारी के मद्देनजर लगाये गये लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियों पर लगे विराम से राजस्थान सरकार का राजस्व संग्रहण भी बुरी तरह प्रभावित होने का अनुमान है. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए राज्य में 22 मार्च से लॉकडाउन है.

By Mithilesh Jha | April 5, 2020 10:30 AM

जयपुर : कोरोना महामारी के मद्देनजर लगाये गये लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियों पर लगे विराम से राजस्थान सरकार का राजस्व संग्रहण भी बुरी तरह प्रभावित होने का अनुमान है. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए राज्य में 22 मार्च से लॉकडाउन है.

Also Read: Coronavirus Pandemic: राजस्थान में 30 लाख से अधिक लोगों को मिलेंगे 2500-2500 रुपये, गहलोत सरकार का फैसला

अधिकारियों के अनुसार, वित्त वर्ष के आखिरी महीने मार्च के आखिरी सप्ताह में ही वाणिज्यिक कर, आबकारी और अन्य करों का संग्रहण अधिकतम होता है, लेकिन इस बार तो यह पूरा हफ्ता एक तरह से बंदी की भेंट चढ़ गया.

राज्य के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा, ‘बंदी के कारण राजस्व संग्रहण में अच्छी खासी कमी रहने का अनुमान है. कोरोना वायरस के संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए बंदी भी जरूरी थी. एक अनुमान के अनुसार कोरोना वायरस से बने माहौल के कारण राजस्व संग्रहण में नुकसान मार्च अंत तक लगभग 3,500 करोड़ रुपये रह सकता है.’

Also Read: लॉकडाउन: राजस्थान पुलिस ने गुजरात से आ रहे 500 से अधिक मजदूरों को सीमा पर रोका

उन्होंने कहा कि अभी आंकड़े जुटाये जा रहे हैं और इन्हें अगले सप्ताह तक अंतिम रूप दे दिया जायेगा. श्री गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए केंद्र से अनुदान और अन्य उपायों की मांग की है.

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बारे में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर सभी राज्यों के लिए एक लाख करोड़ रुपये का पैकेज देने का आग्रह किया है. इसके तहत पैकेज में राजस्थान की हिस्सेदारी पांच प्रतिशत या लगभग 5,000 करोड़ रुपये होनी चाहिए.

Also Read: भीलवाड़ा में लॉकडाउन को लेकर और सख्त हुआ प्रशासन, एनजीओ और मीडिया को जारी पास रद्द

साथ ही, राज्य सरकार ने केंद्र से केंद्रीय करों में राज्य के अप्रैल माह के हिस्से को महीने के शुरू में आवंटित करने का अनुरोध किया है, जो कि सामान्य तौर पर महीने के अंत में दिया जाता है. उन्होंने कहा कि राज्य ने मौजूदा स्थिति के मद्देनजर प्रदेश की उधार लेने की सीमा भी दो प्रतिशत बढ़ाने और लंबित जीएसटी मुआवजे को शीघ्र जारी करने का आग्रह किया गया है.

उन्होंने कहा कि वित्तीय स्थिति का प्रबंधन करने के लिए राज्य सरकार ने पहले से ही मुख्यमंत्री स्तर से कर्मचारी स्तर तक मार्च माह के सकल वेतन को चार मुख्य वर्गों (70 प्रतिशत, 60 प्रतिशत, 50 प्रतिशत और 30 प्रतिशत) में स्थगित रखने का फैसला किया है.

हालांकि, चिकित्सा व स्वास्थ्य तथा स्वास्थ्य शिक्षा विभाग का पूरा स्टाफ, पुलिस कांस्टेबल व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी इस वेतन स्थगन के दायरे में नहीं आयेंगे.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version