CPI 2024: पाकिस्तान दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों में शामिल, चीन की स्थिति जस की तस, जानिए भारत की स्थिति
CPI 2024: ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने करप्शन परसेप्शन इंडेक्स (CPI) 2024 की ताजा रैंकिंग जारी कर दी है. यह रैंकिंग 180 देशों और क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र में मौजूद कथित भ्रष्टाचार के स्तर के आधार पर तैयार की जाती है.
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CPI 2024: ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने 11 फरवरी 2025 को भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (CPI) रिपोर्ट जारी की, जिसमें भारत की स्थिति में गिरावट दर्ज की गई है. 2023 में भारत 93वें स्थान पर था, जबकि 2024 में यह तीन पायदान नीचे गिरकर 96वें स्थान पर पहुंच गया है.
OUT NOW! We analysed 180 countries to see how they scored in the fight against corruption. Check out your country’s score! #CPI2024
— Transparency International (@anticorruption) February 11, 2025
भारत और पड़ोसी देशों की स्थिति
भारत के पड़ोसी देशों की बात करें तो चीन 76वें स्थान पर बरकरार है, यानी उसकी रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ है. वहीं, पाकिस्तान की स्थिति और खराब हुई है, जो 133वें स्थान से 135वें स्थान पर लुढ़क गया है. श्रीलंका 121वें और बांग्लादेश 149वें स्थान पर है.
शीर्ष और सबसे खराब रैंक वाले देश
भ्रष्टाचार के सबसे कम स्तर वाले देशों में डेनमार्क पहले स्थान पर, फिनलैंड दूसरे और सिंगापुर तीसरे स्थान पर हैं. वहीं, सबसे अधिक भ्रष्टाचार वाला देश दक्षिण सूडान (180वां स्थान) है. इस रैंकिंग में पहले स्थान पर रहने वाले देशों में सबसे कम भ्रष्टाचार होता है, जबकि आखिरी स्थान वाले देशों में यह सबसे ज्यादा होता है.
भारत का CPI स्कोर गिरा
2023 में भारत का स्कोर 39 था, जो 2024 में घटकर 38 हो गया है. पिछले वर्षों में यह स्कोर धीरे-धीरे गिरता गया है. 2022 में 40 था, अब 38 हो गया है. इस गिरावट के कारण भारत की रैंकिंग तीन पायदान नीचे आ गई. वैश्विक औसत स्कोर 43 बना हुआ है, जबकि दो-तिहाई देशों का स्कोर 50 से नीचे है, जो दर्शाता है कि भ्रष्टाचार एक वैश्विक समस्या है.
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कैसे तय होती है CPI रैंकिंग?
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के विशेषज्ञ हर देश के सार्वजनिक क्षेत्र (पब्लिक सेक्टर) में भ्रष्टाचार का आकलन करते हैं. इसके आधार पर 0 से 100 के बीच स्कोर दिया जाता है. कम स्कोर का मतलब अधिक भ्रष्टाचार और अधिक स्कोर का मतलब कम भ्रष्टाचार होता है. इसी आधार पर प्रत्येक देश की रैंकिंग तय की जाती है.
भारत में भ्रष्टाचार की स्थिति
अगर 2005 से लेकर 2024 तक भारत की स्थिति की तुलना की जाए तो UPA सरकार और मौजूदा NDA सरकार के कार्यकाल में कोई बड़ा सुधार नहीं हुआ है. 2006-07 में भारत की रैंकिंग में कुछ सुधार हुआ था और वह 70वें और 72वें स्थान पर था. 2013 में भारत 94वें स्थान पर लुढ़क गया था. 2015 में मोदी सरकार के कार्यकाल में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया गया था, जब भारत 76वें स्थान पर पहुंचा था. हालांकि, इसके बाद स्थिति स्थिर रही और अब 2024 में भारत 96वें स्थान पर आ गया है, जो चिंता का विषय है.
एशिया में भ्रष्टाचार की स्थिति
पिछले 5 वर्षों में एशियाई देशों का CPI स्कोर 45 के आसपास बना हुआ है, इस साल यह 44 है. बहुत कम देशों ने इस अवधि में भ्रष्टाचार में कमी दर्ज की है, जबकि अधिकांश देशों में स्थिति बिगड़ी है. भारत समेत 71 एशियाई देशों का स्कोर औसत से नीचे है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इन देशों में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या बनी हुई है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भ्रष्टाचार के कारण स्वतंत्र प्रेस पर हमले हुए हैं, जिससे पारदर्शिता कम हुई और भ्रष्टाचार बढ़ा.
भ्रष्टाचार और जलवायु परिवर्तन पर असर
CPI रिपोर्ट के अनुसार, भ्रष्टाचार सिर्फ आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता के लिए खतरा नहीं है, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों को भी कमजोर करता है.जलवायु नीति के लिए आवंटित धन भ्रष्टाचार के कारण सही जगह नहीं पहुंच पाता. इससे पर्यावरण से जुड़े प्रोजेक्ट पूरे नहीं हो पाते, जिससे ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएं और गंभीर हो जाती हैं.
भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक 2024
रैंक | देश का नाम | CPI स्कोर (2024) |
1 | डेनमार्क | 90 |
2 | फिनलैंड | 87 |
3 | सिंगापुर | 85 |
76 | चीन | 42 |
96 | भारत | 38 |
121 | श्रीलंका | 34 |
135 | पाकिस्तान | 28 |
149 | बांग्लादेश | 25 |
180 | दक्षिण सूडान | 11 |
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