Loading election data...

Credit Card: क्रेडिट कार्ड के बिल पर कितना लगता है चार्ज, कंपनी कैसे लेती है ब्याज, समझे पूरा कैलकुलेशन

Credit Card ‍Bill Calculation: भारत में ऑनलाइन पेमेंट के साथ कार्ड पेमेंट का चलन भी काफी तेजी से बढ़ा है. डेबिट कार्ड से पैसे पेमेंट करने से पर सीधे अकाउंट से पैसे कट जाते हैं. जबकि, क्रेडिट कार्ड का बिल ग्राहक को आया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 31, 2023 5:04 PM
an image

Credit Card ‍Bill Calculation: भारत में ऑनलाइन पेमेंट के साथ कार्ड पेमेंट का चलन भी काफी तेजी से बढ़ा है. डेबिट कार्ड से पैसे पेमेंट करने से पर सीधे अकाउंट से पैसे कट जाते हैं. जबकि, क्रेडिट कार्ड का बिल ग्राहक को आया है. इसे सही समय पर भरना होता है. इसके लिए कार्ड देने वाली कंपनी की तरफ से एक समय सीमा दी जाती है. मगर, तय सयम में पैसे जमा नहीं करने पर क्रेडिट कार्ड जारी करनी वाली कंपनी आपके उपर पेनेल्टी लगाती है. हम आपको बताते है कि बिल नहीं भरने पर कितना चार्ज लगता है. इसका कैलकुलेशन कैसे किया जाता है.

क्रेडिट कार्ड क्या होता है

बैंक या किसी कंपनी के द्वारा ग्राहक को उसे सिबिल स्कोर के आधार पर क्रेडिट कार्ड दिया जाता है. क्रेडिट कार्ड एक वित्तीय उपकरण है जिसे आप अपने खरीदारी और वित्तीय लेन-देन के लिए उपयोग कर सकते हैं. यह एक नगदी के बदले दिया गया प्रकार है जिससे आप विभिन्न व्यापारिक स्थानों पर खरीदारी कर सकते हैं और अपने खर्चों को बिताने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं. क्रेडिट कार्ड आपको एक निश्चित राशि तक खरीदारी करने की अनुमति देता है, जिसे “क्रेडिट लाइन” कहा जाता है. यह आपके क्रेडिट स्कोर और भुगतान के इतिहास आधारित होता है. यदि आप अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग खरीदारी के लिए करते हैं और खर्च की राशि को बिल के समय पूर्ण भुगतान नहीं करते हैं, तो इस पर ब्याज लगता है. यह ब्याज भुगतान नहीं की गई राशि पर लगता है और आपके बकाया राशि में शामिल किया जाता है. क्रेडिट कार्ड पर आप अपने खाता की व्यवस्था कर सकते हैं और ऑनलाइन व्यवस्था के माध्यम से खरीदारी के लिए भुगतान कर सकते हैं. इसके साथ ही, आप इसके माध्यम से विभिन्न प्रकार के वेबसाइट्स, ऑनलाइन स्टोर्स, रेस्टोरेंट में भी पेयमेंट कर सकते हैं.

Also Read: PPF Account: क्या बैंक खाते की तरफ खोल सकते हैं एक से ज्यादा पीपीएफ अकाउंट? जानें निवेश से जुड़ी हर जानकारी

क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाने के लिए कितना दिन मिलता है

क्रेडिट कार्ड बिल को चुकता करने के लिए आपको एक निश्चित आपूर्ति समय दिया जाता है. ये आमतौर पर 20 से 50 दिनों तक होता है. इस समय के भीतर आपको बिल की राशि का पूरा भुगतान करना होता है ताकि आप ब्याज से बच सकें. तय छूट के दिनों के बाद बिल का भुगतान करने पर कंपनी के द्वारा बिल की राशि पर ब्याज लिया जाता है. क्रेडिट कार्ड पर ब्याज का दर वार्षिक प्रतिशत दर (APR) के रुप में वसूला जाता है. ये दर 14 प्रतिशत से लेकर 40 प्रतिशत के बीच होती है. आप टाइम पर बिल का पेमेंट नहीं करते तो आपके कार्ड की बकाया लिमिट पर ब्याज बढ़ जाता है. इसके ब्याज की गणना (लेन-देन की तारीख से कुल दिन x शेष राशि x मासिक क्रेडिट कार्ड ब्याज दर x 12 महीने) / 365 दिन के आधार पर होती है.

Also Read: Stock Market: टॉप-10 कंपनियों में से 7 का मार्केट कैप 77434 करोड़ रुपये घटा, ITC और HDFC को सबसे ज्यादा नुकसान

क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन कैसे करें

सबसे पहले, आपको किसी भी बैंक या वित्तीय संस्था के वेबसाइट पर जाकर क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करना होगा. आप वित्तीय संस्था के शाखा में जाकर भी आवेदन कर सकते हैं. आपको आवेदन के साथ आपकी पहचान के सभी आवश्यक दस्तावेज़ (पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट फोटो, सेल्फी आदि) जमा करने की आवश्यकता होगी. वित्तीय संस्था आपके दस्तावेजों को सत्यापित करेगी और आपकी क्रेडिट वॉर्थिनेस का मूल्यांकन करेगी. यहां आपके भुगतान का इतिहास, आय, उधारी, व्यय, आदि का विश्लेषण किया जाएगा. एक बार आपकी क्रेडिट वॉर्थिनेस पुष्टि होने पर, आपको क्रेडिट कार्ड के लिए एक निश्चित राशि तक क्रेडिट लाइन प्रदान किया जाएगा. आपके आवेदन और विश्लेषण के बाद, वित्तीय संस्था अपनी इच्छा के अनुसार क्रेडिट कार्ड को स्वीकृति देगी. क्रेडिट कार्ड स्वीकृति के बाद, आपको वित्तीय संस्था द्वारा आपके पंजीकृत पते पर क्रेडिट कार्ड भेजा जाएगा. इसके साथ ही आपको आपके नियंत्रण के लिए एक पिन नंबर भी दिया जाएगा.

Also Read: Business News in Hindi Live: सेंसेक्स 367.47 अंक उछला, NIFTY भी चढ़कर 19,753 पर बंद, बेहतर हुआ कारोबार

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Exit mobile version