Banking News: बैंकों में चालू वित्त वर्ष में कर्ज वृद्धि नरम पड़कर 12.1 से 13.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है. एक साल पहले इसमें 15.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा ने एक रिपोर्ट में यह भी कहा कि बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार जारी रहेगा. गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (Gross NPA) अनुपात मार्च, 2024 तक कम होकर 2.8 से तीन प्रतिशत रहने का अनुमान है. जबकि जून तिमाही में यह 3.7 प्रतिशत था. बिना किसी गारंटी के दिये गये कर्ज में वृद्धि के बीच रेटिंग एजेंसी ने कहा कि इस बारे में चिंतित होने की जरूरत नहीं है. इस प्रकार के कर्ज कम हैं और प्रबंधन के स्तर पर हैं. इक्रा के सह-समूह प्रमुख अनिल गुप्ता ने प्रतिशत के हिसाब से कर्ज वृद्धि में नरमी के बावजूद इसे मजबूत बताया. उन्होंने कहा कि कर्ज की राशि भी घटकर 16.5 से 18 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो एक साल पहले 18.2 लाख करोड़ रुपये थी.
जमा पर मिलने वाला ब्याज बढ़ेगा
बैंक इस वर्ष अधिक जमा प्राप्त करने का प्रयास करेंगे और वित्त वर्ष 2023-24 में कुल जमा वृद्धि नौ प्रतिशत से अधिक रहने की संभावना है. एजेंसी ने कहा कि इससे जमा पर मिलने वाला ब्याज बढ़ेगा और शुद्ध ब्याज मार्जिन पर 0.20 प्रतिशत से अधिक का प्रभाव पड़ेगा. अनिल गुप्ता ने कहा कि इससे बैंकों के लाभ पर असर पड़ेगा और परिसंपत्तियों पर रिटर्न में मामूली कमी आएगी. उन्होंने कहा कि कुछ बैंक लाभ बनाये रखने का प्रयास कर सकते हैं और शुद्ध एनपीए (फंसे कर्ज) की स्थिति में सुधार जीएनपीए जितना तेज नहीं होगा. उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर बैंकों की कर्ज लागत कम होगी क्योंकि नये फंसे कर्ज में कमी आएगी. फलत: बही-खातों की गुणवत्ता काफी बेहतर होगी.
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यूरोपीय केंद्रीय बैंक ने ब्याज दर को रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंचाया
यूरोपीय केंद्रीय बैंक ने अत्यधिक उच्च मुद्रास्फीति के खिलाफ अपनी लड़ाई तेज करते हुए बृहस्पतिवार को प्रमुख ब्याज दर को बढ़ाकर रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंचा दिया. यूरोपीय केंद्रीय बैंक ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जबकि आशंका जताई जा रही है कि कर्ज की ऊंची लागत से अर्थव्यवस्था मंदी की गिरफ्त में जा सकती है. ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि ऐसे समय की गई है जबकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व सहित दुनियाभर के केंद्रीय बैंक यह आकलन करने की कोशिश कर रहे हैं कि ‘मुद्रास्फीति-रोधी’ दवा कितनी दी जा सकती है. और कब दरों में वृद्धि को रोका जा सकता है.
बैंकिंग में क्रेडिट ग्रोथ का क्या अर्थ है
बैंकिंग में क्रेडिट ग्रोथ एक अर्थात्मक शब्द है जो एक दिन के बैंक ऋणों के वृद्धि की दर को सूचित करता है. यह विभिन्न वित्तीय सेवाओं के माध्यम से उद्योग, व्यवसाय, व्यक्तिगत खर्च आदि के लिए उपयोगकर्ताओं को उधार देने की दर को संदर्भित करता है. क्रेडिट ग्रोथ दर्शाता है कि लोग और व्यवसाय अधिक संपत्ति या वित्तीय संसाधनों को अर्जित करने के लिए और विकसित करने के लिए ऋण लेने के लिए बैंकों की सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं. क्रेडिट ग्रोथ विश्वसनीय बैंकिंग सेक्टर के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वित्तीय संस्थाओं के लिए एक स्वास्थ्य चेक भी है. एक सकारात्मक क्रेडिट ग्रोथ दर्शाता है कि लोग और व्यवसाय वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ऋण लेने के लिए आत्म-विश्वासपूर्ण हैं और व्यवसायों के लिए नई संभावनाओं की ओर बढ़ रहे हैं. हालांकि, एक अधिक वृद्धि दर की अवस्था नकारात्मक हो सकती है यदि व्यक्तिगत या व्यवसायिक ऋण असमय पर वापस नहीं किया जाता है या ऋण वस्तुस्थिति को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है.
बैंक के ग्रॉस एनपीए का क्या अर्थ है
बैंकिंग में एनपीए का सीधा अर्थ है Non Performing Asset, यानि, वैसा लोन लेने वाला ग्राहक जहां बैंक का पैसा फंस गया है. बैंक के ग्रॉस एनपीए (Gross NPA) का अर्थ है बैंक के उन ऋणों का या लोनों का हिस्सा जो लेनदार द्वारा समय पर वापस नहीं किए जाते हैं और जिनके लिए बैंक वित्तीय खोखला हो जाता है. अक्सर, बैंकें लोगों और व्यवसायों को विभिन्न उद्देश्यों के लिए पूंजी प्रदान करती हैं, जैसे निवेश, घर खरीदना, व्यवसाय की वृद्धि आदि. इन लोगों और व्यवसायों को ऋण के रूप में पूंजी प्रदान की जाती है जिसे वे एक निर्धारित समय में वापस करते हैं. यदि ये व्यक्ति या व्यवसाय वक्त पर अपने ऋण को वापस नहीं करते, तो बैंक उन ऋणों को ग्रॉस एनपीए के तौर पर शामिल करती है. ग्रॉस एनपीए का मूल उद्देश्य बैंक की वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करना है. एक उचित स्तर पर, एक निर्धारित राशि के ऊपर जाने वाले ग्रॉस एनपीए संकेतित कर सकते हैं कि बैंक के पास उधार देने के लिए धन की कितनी संकल्पना और सक्षमता है. किसी भी समय पर, अगर ग्रॉस एनपीए उचित रूप से व्यवस्थित नहीं किया जाता है, तो बैंक की वित्तीय स्थिति प्रभावित हो सकती है और यह उधार देने की क्षमता पर आक्रमण कर सकता है.
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