नयी दिल्ली : 43,587 करोड़ रुपये की कर्ज में डूबी अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप की कंपनी रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड (आएनइएल) के कर्जदाताओं ने दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता के तहत कंपनी को बेचने के लिए इच्छुक खरीदार कंपनियों से रुचि पत्र आमंत्रित किये हैं. एनसीएलटी की अहमदाबाद पीठ ने 15 जनवरी को आरएनइएल को दिवाला प्रक्रिया के तहत लाने की अनुमति दी थी.
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43,587 करोड़ की कर्जदार
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अनिल अंबानी की रिलायंस नेवल बिकने को तैयार
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कर्जदाताओं ने कंपनी को बेचने के लिए रुचि पत्र आमंत्रित किये
दिवाला प्रक्रिया के तहत नियुक्त समाधान पेशेवर (आरपी) के रुचि प्रकटन संबंधी नोटिस में कहा है कि रुचि पत्र सौंपने की अंतिम तिथि 27 जून होगी. इसके बाद संभावित समाधान आवेदकों की अंतिम सूची 17 जुलाई को जारी होगी. कम से कम 600 करोड़ रुपये का नेटवर्थ रखने और समूह की स्तर पर कम से 2,000 करोड़ रुपये का एकीकृत कारोबार करने वाली कंपनी ही प्रक्रिया में भाग ले सकेगी. यदि कोई वित्तीय संस्थान अथवा निजी इक्विटी निवेशक इसमें रुचि दिखाता है, तो उसके लिए न्यूनतम 1,000 करोड़ रुपये की संपत्तियां प्रबंधन के तहत होना आवश्यक होगा.
कंपनी पर बकाया 43,587 करोड़ की वसूली के लिए इसे बेचा जा रहा है. अनिल अंबानी कर्ज चुकाने में असमर्थ हैं. समाधान पेशेवर ने इस राशि से 10,878 करोड़ रुपये वित्तीय रिणदाताओं के बकाये होने की बात स्वीकार की है, जबकि शेष 32,693 करोड़ रुपये के बकायेदारों की पुष्टि का काम जारी है.
विश्लेषकों के मुताबिक आरएनइएल में जारी दिवाला प्रक्रिया का इसकी प्रवर्तक कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (आरइंफ्रा) पर कोई असर नहीं होगा. मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए आडिट खातों को अंतिम रूप देते हुए रिलायंस इंफ्रा ने आएनइएल में निवेश का पहले ही प्रावधान कर लिया था. बहरहाल, आएनइएल के प्रवक्ता ने इस मामले में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
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