Oil : भारत वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता और आयातक माना जाता है. देश ने जुलाई में रूसी कच्चे तेल पर 2.8 बिलियन डॉलर खर्च किए. यह भारत को रूसी तेल के शीर्ष खरीदार चीन से ठीक पीछे रखता है. एक रिपोर्ट बताती है कि रूस अब भारत को कच्चे तेल का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है. इस तेल को पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन में परिष्कृत किया जाता है. रूसी तेल सस्ता हो गया क्योंकि फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद कई यूरोपीय देशों ने रूसी तेल खरीदना बंद कर दिया था.
यूक्रेन युद्ध ने बदल दी तस्वीर
यूक्रेन युद्ध से पहले, रूस से कच्चे तेल का आयात भारत के कुल तेल आयात का एक प्रतिशत से भी कम था. अब भारत की तरफ से खरीदे जाने वाले कुल तेल का लगभग 40% रूस से आता है. (CREA) सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर की तरफ से पब्लिश हुई रिपोर्ट अनुसार, चीन ने रूस के कच्चे तेल के निर्यात का 47% खरीदा, उसके बाद भारत ने 37%, यूरोपीय संघ ने सात प्रतिशत खरीदा. इसके अलावा, चीन और भारत दोनों ही रूस से कोयला खरीदते रहे हैं.
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यह कहती है रिपोर्ट
रिपोर्ट बताती है कि 5 दिसंबर, 2022 से जुलाई, 2024 के अंत तक चीन रूसी कोयले का सबसे बड़ा खरीदार था, इस अवधि के दौरान रूस के कुल कोयला निर्यात का 45% हिस्सा चीन का था. 18% के साथ भारत दूसरे सबसे बड़े खरीदार के रूप में दूसरे स्थान पर रहा. तुर्की और दक्षिण कोरिया ने कोयला निर्यात का 10% हासिल किया, जो शीर्ष आयातकों में तीसरा स्थान है. ताइवान भी प्रमुख खरीदारों में शामिल है, जिसने रूस से निर्यात किए गए कुल कोयले का पांच प्रतिशत प्राप्त किया.
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