शेयर बाजारों का रुख इस सप्ताह वैश्विक रुझानों, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और विदेशी संस्थागत निवेश की चाल से प्रभावित होगा. इसके साथ ही विशेषज्ञों ने कहा कि मासिक वायदा सौदों के पूरा होने के चलते भी बाजार को अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि रुपये में उतार-चढ़ाव और मानसून की प्रगति पर भी निवेशकों की नजर रहेगी.
स्वास्तिका इंवेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजारों में सुधार और जिंस कीमतों में कमी के कारण दो सप्ताह की तेज गिरावट के बाद भारतीय बाजार निचले स्तरों से उबरने में कामयाब रहे. ऐसा लगता है कि ये सुधार आगे जारी रह सकता है और हम इक्विटी बाजारों में आने वाले दिनों में एक अच्छी तेजी की उम्मीद कर सकते हैं.”
मीणा ने कहा, ‘‘वायदा सौदों के पूरा होने के अलावा ऑटो बिक्री के मासिक आंकड़ों और मानसून की प्रगति भी बाजार के लिहाज से महत्वपूर्ण है.” उन्होंने कहा कि कच्चे तेल, रुपये की चाल और एफआईआई का रुख, अन्य महत्वपूर्ण कारक होंगे.
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि जून महीने के वायदा सौदों के पूरा होने के कारण इस सप्ताह भी अस्थिरता अधिक रहेगी.” उन्होंने कहा कि इसके अलावा कच्चे तेल की कीमत और मानसून की प्रगति का भी बाजार पर असर होगा.
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