इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमत में आयी गिरावट, कांग्रेस ने कहा – उपभोक्ताओं बड़ी राहत दे सरकार
अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दामों में भारी गिरावट दर्ज की गयी है. बुधवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार पर निशाना साधते हुए क्रूड ऑयल की कीमतों में आयी गिरावट का लाभ देश के उपभोक्ताओं को देने की बात कही है.
नयी दिल्ली : कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में 35 फीसदी की कमी आयी है और ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पेट्रोल का दाम 60 रुपये प्रति लीटर से कम करना चाहिए. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रम का हवाला देकर तंज कसते हुए ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री जी, जब आप एक निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने में व्यस्त थे, तो शायद आप वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में 35 फीसदी की गिरावट नहीं देख सके.
गांधी ने सवाल किया कि क्या आप पेट्रोल की कीमत 60 रुपये के नीचे लाकर भारतीय नागरिकों को फायदा देंगे? उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में कमी करने से सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को गति देने में मदद मिलेगी. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ‘मोदी-शाह सरकार को अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के मूल्यों में भारी कमी के अनुरूप पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के मूल्यों को 35 से 40 फीसदी कम करके कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय दामों में आयी रिकॉर्ड गिरावट का लाभ देश की जनता को देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के दाम पिछले 16 सालों में सबसे कम होकर 35 से 38 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गये हैं, लेकिन इसके बाद भी देश में पेट्रोल और डीज़ल के दाम आसमान छू रहे हैं, जिससे देश की आम जनता, मध्यम वर्ग, किसान, ट्रांसपोर्टर्स, छोटे और मध्यम व्यवसायी त्रस्त हैं.
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के दाम साल 2004 में नवंबर माह के बराबर पहुंच गये हैं, जब देश में पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दाम क्रमश: 37.84 रुपये तथा 26.28 रुपये प्रति लीटर एवं 281.60 रुपये प्रति सिलेंडर थे, जो आज की तुलना में बहुत सस्ते थे. सुरजेवाला ने दावा किया, ‘पिछले छह सालों से मोदी सरकार एवं तेल मार्केटिंग कंपनियां तेल की बिक्री से हर साल लाखों-करोड़ों रुपये अपनी जेब में डाल रहे हैं और पेट्रोल-डीज़ल पर अंधाधुंध टैक्स लगाकर पिछले पांच सालों में भाजपा सरकार ने 16 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का मुनाफा कमाया है.
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