क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार जल्द ही बड़ा फैसला ले सकती है. 13 नवंबर को इस मामले हुई बैठक के बाद आज फिर इस मुद्दे को लेकर संसदीय कमेटी की बैठक है. सरकार शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक विधेयक पेश कर सकती है. इसी को लेकर आज अहम बैठक है.
बैठक दोपहर तीन बजे होनी है. क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी करेंसी जिसकी चर्चा दुनिया भर में है और चिंता भी है. चर्चा इसलिए क्योंकि निवेश का यह माध्यम एक बड़े विकल्प के रूप में खड़ा हो रहा है और चिंता इसलिए क्योंकि देश की आर्थिक व्यस्था के लिए खतरा माना जा है और ब्लैक मनी को व्हाइट करने के उद्देश्य से भी इसका इस्तेमाल हो रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में इस मुद्दे पर 13 नवंबर को बैठक हुई थी. यह बैठक रिजर्व बैंक, वित्त मंत्रालय और गृह मंत्रालय की उस संयुक्त परामर्श प्रकिया के बाद हुई, जिसमें मंत्रालयों ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर विभिन्न देशों और दुनियाभर के विशेषज्ञों से इस बारे में चर्चा की.
Also Read: भारत में आ रही है डिजिटल करेंसी, क्रिप्टोकरेंसी से कितनी होगी अलग ?
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार शीतकालीन सत्र में विधेयक ला सकती है. आरबीआई की मानें तो क्रिप्टोकरेंसी से देश की व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है. देश में अब भी कई लोग हैं, जो क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते हैं. आरबीआई समय- समय पर लोगों को चेतावनी देता रहा है कि निवेश में बड़ा खतरा है.
दुनिया भर में मुद्राओं को देश के केंद्रीय बैंक नियंत्रित करते हैं लेकिन क्रिप्टोकरेंसी के मामले में ऐसा नहीं है. इसका नियंत्रण इसकी ख़रीद-बिक्री करने वाले लोगों के हाथों में सामूहिक तौर पर होता है.
यही वजह है कि ज़्यादातर देशों की सरकारें या तो इन्हें ग़ैर-कानूनी मानती हैं या इन्हें किसी न किसी रूप में नियंत्रित करने की कोशिश कर रही हैं. क्रिप्टोकरेंसी के ख़रीद-बिक्री के लिए भारत में इस समय 19 क्रिप्टो एक्सचेंज मार्केट हैं . भारत में अबतक क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई ठोस नियम या गाइडलाइन नहीं है.
डॉलर और यूरो जैसे नोटों की तरह पिछले 10-12 सालों में वर्चुअल दुनिया में कई मुद्राएँ सामने आई हैं. मोटे तौर पर क्रिप्टोकरेंसी वर्चुअल या डिजिटल पैसा है, जो टोकन या डिजिटल “सिक्कों” के रूप में होता है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.