अब महज 45 से 60 मिनट में ही मिल जाएगी कोविड-19 की जांच रिपोर्ट, पढ़ें पूरी खबर…

देश में तेजी से फैल रहे कोविड-19 के संक्रमित मरीजों की संख्या के बीच एक राहत भरी खबर है और वह यह कि अब देश में ही एक ऐसी जांच किट तैयार की गयी है, जिससे मात्र 45 से 60 मिनट में ही इस वायरस से संक्रमित मरीजों की पहचान हो सकेगी.

By Agency | May 27, 2020 9:16 PM

नयी दिल्ली : देश में तेजी से फैल रहे कोविड-19 के संक्रमित मरीजों की संख्या के बीच एक राहत भरी खबर है और वह यह कि अब देश में ही एक ऐसी जांच किट तैयार की गयी है, जिससे मात्र 45 से 60 मिनट में ही इस वायरस से संक्रमित मरीजों की पहचान हो सकेगी. सबसे बड़ी बात यह है कि लॉकडाउन 4.0 के दौरान देश में प्रवासी मजदूरों समेत अन्य लोगों की आवाजाही शुरू करने के लिए स्पेशल ट्रेन से सफर, हवाई यात्रा, बस यात्रा करने वाले लोगों की बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों पर ही जांच करके इस बात का पता लगाया जा सकता है कि वह कोविड-19 के वायरस से संक्रमित हैं या नहीं. अब उन्हें इसके लिए 14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन रहकर चार-पांच दिनों में जांच रिपोर्ट आने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. अब केवल एक घंटे के अंदर ही उनकी रिपोर्ट आ जाएगी.

Also Read: ‘मई के अंत से भारत में ही तैयार होने लगेगी कोविड-19 की जांच के लिए रैपिड टेस्ट किट’

दरअसल, देश में कोविड-19 की जांच को और तेज करने के लिए वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ मिलकर सस्ती जांच किट तैयार की है. एक सरकारी बयान के मुताबिक, सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ शेखर मांडे के निर्देशन में कोविड-19 के संबंध में विभिन्न अनुसंधान गतिविधियों को समन्वित करने के लिए पांच लक्ष्य तय किये गये हैं. यह लक्ष्य डिजिटल एवं आण्विक निगरानी, ​​औषधि और टीके, तेज और किफायती इलाज, अस्पताल सहायक उपकरण और पीपीई और आपूर्ति शृंखला एवं लॉजिस्टिक्स हैं.

बयान के मुताबिक, सीएसआईआर-जम्मू ने इसके लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ समझौता किया है. यह किट आरटी-एलएएमपी पर आधारित है. इसके कच्चे माल समेत यह पूरी तरह से स्वदेश निर्मित है. गले और नाक से नमूने लेने के बाद मात्र 45 से 60 मिनट के भीतर ही यह टेस्ट रिपोर्ट दे देती है. यह विदेशों से आयातित किट के मुकाबले सस्ती है और सटीक नतीजे देती है. इस किट में एक ट्यूब का इस्तेमाल होता है. इसलिए इसे हवाईअड्डों, रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंड पर आसानी से उपयोग किया जा सकता है.

कंपनी इससे पहले कोविड-19 के परीक्षण के लिए नमूना लेने वाले स्वैब का भी स्वदेशी संस्करण विकसित कर चुकी है. पहले चीन से आयातित स्वैब की कीमत देश में 17 रुपये प्रति इकाई बैठती थी, लेकिन रिलायंस और जॉन्सन एंड जॉन्सन के सहयोग से विकसित नये देसी स्वैब की कीमत एक रुपये 70 पैसे ही पड़ रही है.

Next Article

Exit mobile version