सरकार ने गुप्त तरीके से निवेश में रोक लगाने और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है, दरअसल विदेश मंत्रालय ने 29 इंश्योरेंस कंपनियों और 9 स्टॉक और सिक्यॉरिटीज इकाइयों को KYC यानी नो योर कस्टमर के इस्तेमाल की इजाजत दे दी. वित्त सचिव अजय भूषण ने जानकारी देते हुए बताया कि विदेश मंत्रालय ने इस सबंध में दो अधिसूचना जारी की है, जिसमें इन निकायों को आधार अधिनियम के तहत आधार से प्रमाणन करने की इजाजत मिल गयी है. KYC होने से इनकी लागत में भी कमी आएगी.
वित्त सचिव ने इसके फायदे के बारे में बताते हुए कहा कि इससे ग्राहक और निवेशक को ये फायदा होगा कि उन्हें KYC के लिए किसी प्रकार के कागजात पेश करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, सरकार के इस कदम का उद्देश्य इंश्योरेंस और शेल कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग को रोकना भी है.
एक अधिकारी ने बताया कि इसमें आधार का प्रमाण देना स्वैच्छिक होगा और अगर कोई PAN नंबर देता है तो उसे आधार का प्रमाण देने की जरूरत नहीं है,
बीएसई, नेशनल सिक्यॉरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड, सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड, सीडीएसएल वेंचर्स लिमिटेड, एनएसडीएल डेटाबेस मैनेजमेंट लिमिटेड, एनएसई डेटा एंट एनालिटिक्स लिमिटेड, सीएएमएस इंन्वेस्टर सर्विसेज लिमिटेड, कंप्यूटर एज मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और लिंक इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड 9 स्टॉक और सिक्यॉरिटीज से जुड़ी इकाइयां हैं जिन्हें आधार केवाईसी इजाजत दी गई है.
बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस, भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंस्योरेंस, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस, एचडीएफसी एर्गो इंश्योरेंस और एसबीआई जनरल इंश्योरेंस जैसी कंपनी भी इसका लाभ उठा सकती है
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.