Cyrus Mistry Death: टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की रविवार को सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है. साइरस मिस्त्री मशहूर बिजनसमैन शापूरजी पलोनजी के बेटे थे. साइरस मिस्त्री की टाटा संस से विदाई काफी अधिक विवादों में रही थी. दरअसल, साइरस को जितनी धूमधाम से लाया गया था, उतने ही सनसनीखेज तरीके से 4 साल बाद उन्हें विदा कर दिया गया. इसके बाद लंबी मुकदमेबाजी हुई. सुप्रीम कोर्ट ने रतन टाटा के फैसले को सही ठहराया और पलोनजी ग्रुप के सभी आरोपों को खारिज कर दिया. अब एक बार फिर यह चर्चा तेज हो गई कि क्या साइरस मिस्त्री की दुखद मौत टाटा संस और शापूरजी पालनजी ग्रुप के बीच की कड़वाहट को खत्म कर देगी?
बताया जाता है कि टाटा संस से साइरस मिस्त्री की विदाई में टाटा ट्रस्ट़्स का बड़ा हाथ था. टाटा ट्रस्ट्स के पास टाटा संस में 66 फीसदी हिस्सेदारी थी और इस पर रतन टाटा का कंट्रोल था. साल 2012 में साइरस को रतन टाटा की जगह पर टाटा संस का चेयरमैन बनाया गया. साथ ही उन्हें टाटा ग्रुप की बड़ी कंपनियों टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा मोटर्स, इंडियन होटल्स और टाटा केमिकल्स का सीईओ भी बनाया गया. बाद में आगे चलकर टाटा ग्रुप के कामकाज में बदलाव को लेकर टाटा ट्रस्ट्स से उनके मतभेद बढ़ने लगे. इसके बाद 24 अक्टूबर 2016 को टाटा संस के बोर्ड ने वोटिंग के जरिए साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया गया. तब से दोनों समूह बिना किसी रोक-टोक के कानूनी लड़ाई में लगे हुए हैं.
कंपनियों पर नजर रखने वाले जानकारों की मानें तो टाटा संस में मिस्त्री की 18.4 फीसदी हिस्सेदारी के अलावा, उनके पास एक सामान्य पारसी वंश है और रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा की शादी साइरस की बहन से हुई है. साइरस के बड़े भाई, शापूर मिस्त्री को उनके छोटे भाई की तरह जुझारू नहीं माना जाता है और उन्हें विवाद को समाप्त करने के लिए किसी भी मध्यस्थता के लिए अधिक उत्तरदायी माना जाता है. साइरस के नहीं रहने से टाटा इस मुद्दे का अंत देखने के लिए और अधिक तत्पर हो सकते हैं. उद्योग पर नजर रखने वालों ने कहा कि देखने लायक बात यह है कि क्या एसपी समूह टाटा संस में अपनी इक्विटी हिस्सेदारी का मुद्रीकरण करेगा.
उल्लेखनीय है कि साइरस ने टाटा की कई कंपनियों में लीडरशिप लेवल पर बदलाव के कदम भी उठाए थे. उन्होंने ग्रुप की कुछ कंपनियों के बिजनेस को ज्यादा फोकस्ड बनाने की कोशिशें भी की थी. इसी कड़ी में टाटा केमिकल्स के कंज्यूमर फूड्स कंपनी बनने और टाटा स्टील को मैटीरियल्स के बजाय विशुद्ध रूप से स्टील कंपनी बनने पर उन्होंने जोर दिया. हालांकि, बाद में बढ़ते मतभेदों के बीच 2016 में साइरस को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया.
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