नई दिल्ली : कभी टाटा ग्रुप के मानद चेयरमैन रतन टाटा से टक्कर लेने वाले साइरस मिस्त्री अब वाटर प्यूरीफायर एक्वागार्ड का निर्माण कर उसे नहीं बचे सकेंगे. इसका कारण यह है शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप के मालिकाना हक वाली और भारत की वाटर प्यूरीफायद और वैक्यूम क्लीनर बनाने वाली कंपनी बिकने जा रही है. मीडिया की खबरों के अनुसार, साइरस मिस्त्री की इस कंपनी को अमेरिका का निजी इक्विटी फर्म एडवेंट इंटरनेशनल खरीद सकती है. सूत्रों के हवाले से मीडिया की खबरों के अनुसार, यूरेका फोर्ब्स को खरीदने वाला यह सौदा करीब 5 हजार करोड़ रुपये का हो सकता है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, शापूरजी पल्लोनजी ने रणनीतिक विकल्पों को खोजने के लिए स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक को नियुक्त किया है. सौदा को पूरा करने के लिए पल्लोनजी ग्रुप की ओर से यूरेका फोर्ब्स को सार्वजनिक लिस्टेड फोर्ब्स एंड कंपनी से अलग किया जा रहा है. हालांकि, ग्रुप को इसके लिए अब भी राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) से इजाजत मिलने का इंतजार है.
मीडिया की खबर के अनुसार, अमेरिकी फर्म के साथ सौदा पक्का होने के बाद करीब 154 साल पुराने शापूर पल्लोनजी ग्रुप को अपना कर्ज कम करने में सहूलियत होगी और फिर वह कंस्ट्रक्शन के कारोबार पर अपने को फोकस कर सकेगा. खबर के अनुसार, कंपनी के कुल कर्ज में से करीब 12 हजार करोड़ रुपये आरबीआई की कोरोना राहत योजना के हैं. केंद्रीय बैंक की इस योजना के तहत कंपनी को वर्ष 2023 तक कर्ज का भुगतान करता है, लेकिन सौदा पक्का होने के बाद कंपनी आने वाले दिनों में कर्ज की आधी रकम का भुगतान कर सकती है.
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बता दें कि वर्ष 1980 में यूरेका फोर्ब्स को इलेक्ट्रोलक्स और टाटा ग्रुप की ओर से प्रमोट किया गया था. इस कंपनी के दुनिया भर के करीब 35 देशों में 2 करोड़ से अधिक कस्टमर हैं. शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप कुल छह सेक्टर्स (इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन, इंफ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट, वाटर प्यूरीफायर, एनर्जी और वित्तीस सेवा) में काम करता है. इसी कंपनी ने आरबीआई की इमारत, टाटा ग्रुप की बिल्डिंग्स, ताजमहल टावर और बैंक ऑफ इंडिया सहित कई भवनों का निर्माण कराया है.
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