Curd माने केवल ‘दही’ ही नहीं, FSSAI ने नोटिफाई किए कई और नाम
दरअसल एफएसएसएआई ने गुरुवार को कर्ड के गैर-हिंदी भाषा की शब्दावली तब अधिसूचित किया है, जब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया. तब एफएसएसएआई की ओर से नए नामों की अधिसूचना जारी की गई.
नई दिल्ली : अगर आप गैर-हिंदीभाषी प्रदेश में प्रवास पर हैं और आपने किसी मिल्क बूथ से पैकेटबंद दही खरीदी है और उस पर कर्ड (Curd) के अर्थ के बदले दही नहीं लिखा हो, तो आप चौंकिएगा नहीं. अंग्रेजी के कर्ड शब्द का हिंदी में अर्थ दही होता है, लेकिन गैर-हिंदीभाषी प्रदेशों में उसे अन्य नामों से भी जाना जाता है. भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने गुरुवार 30 मार्च को जारी अधिसूचना में कर्ड के कई नामों का उल्लेख किया है.
स्टालिन ने हिंदी थोपने का लगाया आरोप
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, दरअसल एफएसएसएआई ने गुरुवार को कर्ड के गैर-हिंदी भाषा की शब्दावली तब अधिसूचित किया है, जब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया. एफएसएसएआई की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, अंग्रेजी के कर्ड (Curd) को तमिल में ‘तायिर’ के रूप में लेबल किया जाएगा यानी दही (Curd) के पैकेट पर हिंदी में ‘दही’ लिखा जाएगा. हालांकि, दिल्ली समेत हिंदी भाषी राज्यों में दही के पैकेट पर कर्ड के बदले हिंदी में दही ही लेबल किया जाएगा.
एफएसएसएआई ने इन नामों को किया अधिसूचित
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की ओर से दही के नाम पर विवाद खड़ा किए जाने के बाद एफएसएसएआई ने गुरुवार (30 मार्च) को दही शब्द के उपयोग को लेकर नए दिशानिर्देश जारी किए. अब एफएसएसएआई ने एक अधिसूचना जारी कर कहा कि दही को नए उदाहरणों के अनुसार भी लेबल किया जा सकता है जैसे कि ‘कर्ड (दही)] या ‘कर्ड (मोसरू)’ या ‘कर्ड (जामुत दाउद)’ या ‘कर्ड (तायिर)’ या ‘कर्ड (पेरुगु)’ के नाम से भी लेबल किया जाएगा.
Amid row over using the term 'Dahi' on packets of curd, FSSAI revises guidelines on using the term 'Curd' along with several designations. pic.twitter.com/w3x2o4kRJC
— ANI (@ANI) March 30, 2023
Also Read: तमिलनाडु : हिरासत में टॉर्चर करने के आरोप में आईपीएस अफसर सस्पेंड, सीएम स्टालिन ने दिया आदेश
तमिलनाडु में हिंदी के दही शब्द का विरोध
इससे पहले, एफएसएसएआई ने निर्देश दिया था कि ‘दही’ के सभी पैकेटों का नाम तमिलनाडु और कर्नाटक दोनों में ‘दही’ होना चाहिए, जहां इसे ‘तायिर’ या ‘मोसरू’ कहा जाता है. इस निर्देश पर दक्षिण के राज्य की ओर से आपत्ति जताई गई. तमिलनाडु के दुग्ध उत्पादन संघ आविन ने कहा कि वह अपने पैकेट पर हिंदी शब्द ‘दही’ के बजाय तमिल शब्द ‘तायिर’ का ही इस्तेमाल करेगा.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.