Dates Farming : बंजर जमीन पर खजूर की खेती से हो सकती है बंपर कमाई, एक पेड़ से हो रही 50,000 तक आमदनी

खजूर एक ऐसा फल है, जिसमें पौष्टिक तत्वों की मात्रा अधिक होती है. एक रिपोर्ट के अनुसार, 1 किलो खजूर में करीब 3000 किलो कैलोरी होती है. इसके अलावा, यह विटामिन ए, बी-2, बी-7, पोटैशियम, कैल्शियम, कॉपर, मैग्नीशियम, क्लोरीन, फॉस्फोरस, सल्फर और आयरन आदि का भी बेहतरीन स्रोत हैं.

By KumarVishwat Sen | February 13, 2023 6:48 PM

नई दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार देश में पैदा होने वाले मोटे अनाजों के उत्पादन के लिए लगातार प्रोत्साहित कर रही है. पौष्टिकता से भरे मोटे अनाजों की वैश्विक स्तर पर खपत बढ़ाने के लिए देसी-विदेशी निवेशकों को आकर्षित भी कर रहे हैं. इस बीच, खेती-बाड़ी करने वाले किसानों के लिए महत्वपूर्ण बात यह भी है कि खूजर की खेती से भी लाखों की कमाई की जा सकती है. मीडिया की एक रिपोर्ट की मानें, तो खजूर के एक पेड़ से सालाना कम से कम 50,000 रुपये तक की कमाई होती है. खजूर की खेती उन शुष्क वातावरण और पठारी-रेतीले इलाकों में अधिक की जा सकती है.

38 फीसदी खजूर आयात करता है भारत

एक रिपोर्ट के अनुसार, खजूर की खेती आमतौर पर अरब देशों में अधिक की जाती है, क्योंकि वहां का शुष्क वातावरण इसके लिए उपयुक्त होता है. भारत विश्व बाजार का करीब 38 फीसदी खजूर विदेशों से आयात करता है. इसका कारण यह है कि हमारे देश में इसका अधिक उत्पादन नहीं होता. हालांकि, खजूर की कुछ स्थानीय किस्मों का उत्पादन गुजरात के कच्छ-भुज इलाके में होता है, मगर इसकी क्वालिटी विदेशों से आयातित खजूर के मुकाबले अच्छी नहीं होती. रिपोर्ट के अनुसार, अब धीरे-धीरे नए प्रयोगों के जरिए देश के कई हिस्सों में खजूर की खेती की जा रही है.

पौष्टिकता से भरपूर है खजूर

खजूर एक ऐसा फल है, जिसमें पौष्टिक तत्वों की मात्रा अधिक होती है. एक रिपोर्ट के अनुसार, 1 किलो खजूर में करीब 3000 किलो कैलोरी होती है. इसके अलावा, यह विटामिन ए, बी-2, बी-7, पोटैशियम, कैल्शियम, कॉपर, मैग्नीशियम, क्लोरीन, फॉस्फोरस, सल्फर और आयरन आदि का भी बेहतरीन स्रोत हैं. यह फल उच्च उत्पादकता के लिए भी उगाया जाता है और मरुस्थलीय इलाके में इसकी खेती से पर्यावरण को भी फायदा होता है. इसके साथ ही, रोजगार के अवसर पैदा करने और ग्रामीण इलाकों में किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करने में खजूर की खेती का अहम योगदान है.

खजूर की खेती से सालाना 50,000 तक कमाई

राजस्थान के जैसलमेर स्थित शास्त्रीनगर के निवासी रामसिंह बिश्नोई ने मीडिया से बातचीत में बताया कि खजूर के एक पेड़ से सालाना करीब 50,000 रुपये की कमाई हो सकती है. यह बात दीगर है कि राजस्थान में खारा पानी अधिक है और पानी का स्तर काफी नीचे है. इसके बावजूद 2000 टीडीएस वाले पानी से उगने वाला खजूर स्वाद में काफी मीठा हो रहा है. उन्होंने कहा कि उन्होंने 16 एकड़ में खजूर का पेड़ लगाया है. इस इलाके में 11,000 खजूर के पेड़ लगाकर रेतीली जमीन को उन्होंने आबाद कर दिया है. उन्होंने कहा कि 1 एकड़ में उन्होंने खजूर के 70 पेड़ लगाए हैं. वे मेडजूल, खलास, बरही और खूनेजी वैरायटी के खजूर की खेती कर रहे हैं.

ऐसे की जा सकती है खजूर की खेती

आम तौर पर खजूर को बीज से ही लगाया जा सकता है, लेकिन कटिंग्स यानी शाखा से भी इसके पौधे उगाए जा सकते हैं. जब बीज से इसे उगाया जाता है, तो मादा पौधे होने की संभावना सिर्फ 50 फीसदी होती है, जबकि शाखा से उगाने पर आमतौर पर पौधों में उसी पेड़ के गुण आते हैं, जिसकी वह शाखा है. हालांकि, ऐसे पौधों के जीवित रहने की संभावना हमारे देश में कम ही रहती है. खजूर के पौधों में बरही, खुनेजी, हिल्लावी, जामली, खदरावी आदि शामिल है.

एक एकड़ में कितने पौधे

बीज की रुपाई के बाद इसमें 15 से 20 दिन के बीच में सिंचाई करनी चाहिए. सर्दियों में तो महीने में एक बार भी इसकी सिंचाई कर देना बहुत होती है. बाकी सामान्य खेती की तरह इन पौधों को उगाना पड़ता है. साथ ही करीब 4 से 5 साल बाद आपकी पैदावार शुरू होती है और तभी से आपकी कमाई का सिलसिला शुरू हो जाता है. एक पौधे से पांच साल बाद औसतन 70 से 100 किलो तक खजूर प्राप्त होते हैं. वहीं, एक एकड़ में 70 पौधे लगाए जाते हैं और 5000 किलो से ज्यादा खजूर मिलते हैं और इसकी रेट 50 रुपये प्रति किलो तक होते हैं.

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कैसे होगी कमाई

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सालाना 50,00,00 टन से अधिक खजूर आयात होता है. इस हिसाब से देश में इसकी खेती की भरपूर संभावनाएं हैं और किसानों को इससे काफी मुनाफा भी हो सकता है. रिपोर्ट में बताया गया है कि खजूर के पेड़ ऑफशूट, टिशु कल्चर या सीड से तैयार की जा सकती है. खजूर की कई वैरायटी हजार रुपये किलो से 1500 रुपये प्रति किलो तक मिलती है. खजूर के एक पेड़ में 50 किलो तक खजूर का उत्पादन होता है. भारत में पैकेट बंद खजूर, खजूर से बने गुड़, खजूर के पत्तों की चटाई, खजूर के पत्तों से बने पंखों आदि की बड़े पैमाने पर बिक्री होती है. पैकेट बंद खूजर को काफी स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है और बाजार में इसकी मांग भी काफी अधिक है.

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