शराब की लत छुड़ाने में अच्छे-अच्छों को छूट जाते हैं पसीने, जानें 1 महीने में कितना आता है खर्च

De-Addiction Therapy Cost: सरकार की ओर से चलाए जा रहे रिहैबिलिटेशन सेंटर खर्च कम हो सकता है. खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में यह लागत और भी कम हो जाती है. कई बार सरकार के इन सेंटर्स पर सब्सिडी या मुफ्त सेवाएं भी दी जाती हैं.

By KumarVishwat Sen | December 10, 2024 11:17 AM

De-Addiction Therapy Cost: शराब की लत छुड़ाने में अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाते हैं. यह एक कठिन प्रक्रिया है, जो शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकती है. भारत में नशा मुक्ति केंद्रों में एक महीने का खर्च 25,000 से 2 लाख रुपये तक हो सकता है, जो सुविधाओं और स्थान के अनुसार अलग-अलग होता है. कुछ प्रीमियम केंद्रों में यह खर्च और भी अधिक हो सकता है. सरकारी केंद्रों में यह लागत कम होती है और कई बार मुफ्त सेवाएं भी उपलब्ध होती हैं. आइए, जानते हैं कि भारत में सरकार की ओर से कितने रिहैबिलिटेशन सेंटर संचालित किए जा रहे हैं, जहां फ्री में सुविधाएं मिलती हैं.

हर महीने 25 हजार से 5 लाख तक का खर्च

समर्पण रिहैबिलिटेशन सेंटर और sanctumwellness.org की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में शराब की लत छुड़ाने का खर्चा इलाज के प्रकार, स्थान और सुविधा के आधार पर अलग-अलग हो सकता है. औसतन, रिहैबिलिटेशन सेंट में इलाज का मासिक खर्च 25,000 से 2 लाख रुपये तक हो सकता है. कुछ उच्च गुणवत्ता वाले और लग्जरी रिहैलिबिटेशन सेंटर में यह खर्च 5 लाख रुपये तक भी लेते हैं. इस खर्च में डिटॉक्सिफिकेशन, थेरेपी, काउंसलिंग, और आवश्यक दवाओं की लागत शामिल होती है​.

देश में 5,266 रिहैबिलिटेशन सेंटर चला रही सरकार

इसके अलावा, सरकार की ओर से चलाए जा रहे रिहैबिलिटेशन सेंटर खर्च कम हो सकता है. खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में यह लागत और भी कम हो जाती है. कई बार सरकार के इन सेंटर्स पर सब्सिडी या मुफ्त सेवाएं भी दी जाती हैं. भारत में सरकार की ओर से कुल 5,266 रिहैबिलिटेशन सेंटर संचालित किए जा रहे हैं, जो इलाज की सुविधाएं प्रदान करते हैं. यह केंद्र केवल शराब की लत को दूर करने में मदद नहीं करते, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य सुधार के लिए भी काम करते हैं​.

इसे भी पढ़ें: गाड़ी की टंकी अभी करा लें खाली, पेट्रोल डीजल की जारी हो गई नई कीमत

शराब की लत छुड़ाने के लिए सरकार चला रही योजना

इस खर्च को कम करने के लिए सरकार ने “शराबखोरी और मादक द्रव्यों के सेवन की रोकथाम के लिए सहायता योजना” जैसी योजनाएं चलाई हैं, जो जागरूकता फैलाने और पुनर्वास सेवाओं के लिए सहायता प्रदान करती हैं. यदि आप या आपका कोई जानने वाला इस समस्या से जूझ रहा है, तो किसी अच्छे रिहैबिलिटेशन से संपर्क कर सकते हैं.

इसे भी पढ़ें: नोटबंदी के सूत्रधार की आज होगी आरबीआई से विदाई, जानें कौन बने केंद्रीय बैंक का 26वां गवर्नर

नशा मुक्त भारत अभियान चला रही सरकार

पीआईबी की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार ने नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) के तहत विभिन्न राज्यों में कई प्रकार के नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्र स्थापित किए हैं.

  • 355 इंटीग्रेट रिहैबिलिटेशन सेंटर्स ऑफ एडिक्ट्स (आईआरसीए): ये केंद्र ड्रग्स से प्रभावित व्यक्तियों के लिए उपचार, जागरूकता, परामर्श, और समाज में पुनर्वास की सेवाएं प्रदान करते हैं.
  • 53 सामुदायिक हस्तक्षेप केंद्र (सीपीएलआई): ये केंद्र जोखिम वाले बच्चों और किशोरों के लिए जीवन कौशल और जागरूकता गतिविधियां आयोजित करते हैं.
  • 78 आउटरीच और ड्रॉप-इन केंद्र (ओडीआईसी): ये केंद्र नशे से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए सुरक्षित स्थान और उपचार सेवाएं उपलब्ध कराते हैं.
  • 36 नशा उपचार सुविधाएं (एएफटी): ये सरकारी अस्पतालों में संचालित होते हैं और समर्पित उपचार सेवाएं प्रदान करते हैं.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version