दिल्ली में ऑटो रिक्शा की ऑनलाइन बुकिंग पर लगेगा जीएसटी, हाईकोर्ट में चुनौती याचिका खारिज

उबर इंडिया सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि बाजार हमेशा कीमत के प्रति संवेदनशील होता है. यदि सेवाओं की अंतिम लागत अधिक है, तो ग्राहक को इसके माध्यम से ऑटो रिक्शा बुक करने का विकल्प नहीं चुन सकते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2023 4:50 PM

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने सवारियों द्वारा राइड शेयरिंग ऐप के जरिए ऑटो रिक्शा की सवारी के लिए ऑनलाइन बुकिंग पर केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) लगाने का फैसला किया गया. केंद्र सरकार के इस कदम का दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. हाईकोर्ट ने गुरुवार को चुनौती याचिका को खारिज कर दिया. जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ की खंडपीठ ने एक आदेश में कहा कि हमारा विचार है कि याचिकाकर्ता रिट याचिकाओं में मांगी गई राहत के हकदार नहीं हैं. इसलिए, रिट याचिका को खारिज किया जाता है.

दायर की गई थीं तीन याचिकाएं

दिल्ली हाईकोर्ट में मेक माय ट्रिप इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, उबर इंडिया सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रगतिशील ऑटो रिक्शा ड्राइवर यूनियन और आईबीआईबीओ ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड की ओर से संयुक्त रूप से तीन याचिकाएं दायर की गई थीं. उबर इंडिया सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि बाजार हमेशा कीमत के प्रति संवेदनशील होता है. यदि सेवाओं की अंतिम लागत अधिक है, तो ग्राहक को इसके माध्यम से ऑटो रिक्शा बुक करने का विकल्प नहीं चुन सकते हैं.

ऑटो सेवा का लाभ नहीं उठा पाएगी जनता

याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता उबर पर पड़ने वाले वित्तीय प्रभाव के अलावा ड्राइवरों की वित्तीय स्वायत्तता पूरी तरह से खतरे में पड़ जाएगी. इस बात की भी प्रबल संभावना है कि विवादित अधिसूचनाओं के प्रभाव के कारण आम जनता ईसीओ द्वारा प्रदान की जाने वाली ऑटो रिक्शा सेवाओं जैसे उबर का लाभ उठाने के लिए अनिच्छुक हो जाएगी. इससे याचिकाकर्ता द्वारा बनाए गए ईसीओ के माध्यम से अपनी सेवाएं प्रदान करने वाले ऑटो रिक्शा चालकों के लिए आजीविका का नुकसान होगा. याचिकाकर्ता के करीब 2.40 लाख पंजीकृत ड्राइवर भागीदारों की आजीविका को प्रभावित करने वाली समाप्ति के लिए पूरा खंड ईसीओ के लिए अव्यवहार्य हो सकता है. याचिकाकर्ता उबर ने कहा कि यह उन्हें ईसीओ द्वारा प्रदान किए गए लाभों से भी वंचित करेगा.

Also Read: पटना के गांधी मैदान की अब होगी ऑनलाइन बुकिंग, नई वेबसाइट पर मिलेगी सभी जरूरी जानकारियां

केंद्र ने अदालत में क्या कहा

केंद्र ने याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा कि ईसीओ 2017 के अधिनियम की धारा 9(5) के तहत जारी एक अधिसूचना के तहत अन्य आपूर्तिकर्ताओं द्वारा उनके माध्यम से की गई आपूर्ति पर टैक्स का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं. इसलिए ऐसे मामलों में जहां कोई अपनी खुद की आपूर्ति कर रहा है. वस्तु या सेवाओं या दोनों को अपनी वेबसाइट के माध्यम से धारा 9(5) और 52 के प्रावधान लागू नहीं होंगे.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version