Google New Billing Policy: दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से कहा कि वह एलायंस ऑफ डिजिटल इंडिया फाउंडेशन (ADIF) द्वारा दायर एक शिकायत पर फैसला करे. दरअसल, याचिकाकर्ता ने दलील दी कि 26 अप्रैल से लागू होने वाली उसकी यूजर चॉइस बिलिंग पॉलिसी के तहत गूगल तीसरे पक्ष के भुगतान प्रोसेसर के मामले में 11 प्रतिशत या 26 प्रतिशत का सेवा शुल्क लेगा, जो गैर-प्रतिस्पर्धी और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की ओर से पारित एक आदेश की उपेक्ष करने का प्रयास है.
न्यायमूर्ति तुषार गेडेला ने सोमवार को याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा धारा 42 के तहत दायर आवेदनों को सुनने और 26 अप्रैल को या उससे पहले फैसला करने के लिए सीसीआई को निर्देश देने में कोई बाधा नहीं है. अदालत को सूचित किया गया था कि पिछले साल अक्टूबर में सीसीआई ने 936 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाते हुए गूगल से कहा था, वह ऐप डेवलपर्स को किसी तीसरे पक्ष की बिलिंग सेवाओं का उपयोग करने की अनुमति दे और उसे प्रतिबंधित न करे. साथ ही कोई भेदभावपूर्ण शर्त न लगाए.
इससे पहले, 19 अप्रैल को न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला ने याचिकाकर्ता के वकील की दलीलें सुनने के बाद याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया. न्यायमूर्ति गेडेला ने कहा, दलीलें सुनी गयीं. आदेश सुरक्षित रखा जाता है. गूगल के वकील ने कई आधारों पर याचिका का विरोध किया और दावा किया कि आवश्यकता के सिद्धांत के औचित्यपूर्ण अनुपालन के लिए कोई तथ्य मौजूद नहीं है. बताते चलें कि सीसीआई के निर्देशों के मुताबिक, गूगल को नया बिलिंग सिस्टम पेश करना पड़ा. सीसीआई ने पिछले साल अक्टूबर में आदेश दिया था कि गूगल किसी भी बिलिंग सिस्टम के लिए बाध्य नहीं कर सकता है.
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